जयपुर – नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। हॉस्पिटल ने 90 वर्षीय मरीज के कूल्हे का जटिल जोड़ प्रत्यारोपण कर दूसरे ही दिन से चलवा कर नया जीवन प्रदान किया है।इस ऑपरेशन को करने में डॉ. विजय शर्मा सीनियर जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन और डॉ मनीष गुप्ता के साथ ओटी टीम ने सफलता प्राप्त की। 90 साल के मरीज को पहले से ही बहुत सारी बीमारियां थी। गिरने के कारण मरीज को कूल्हे के जोड़ में कमिन्यूटेड इंटर ट्रोकांटेरिक फ्रैक्चर हो गया था और ओस्टियोपोरोसिस के साथ हड्डी के बहुत सारे टुकड़े हो गए थे जो केस को जटिल बना रहे थे। डॉ. विजय ने बताया की साधारणत तौर पर इस तरह के फ्रैक्चर के लिए फिक्सेशन सर्जरी की जाती है लेकिन फिक्सेशन सर्जरी में मरीज महीनो बाद फ्रैक्चर के जुड़ने के बाद ही चलाना संभव हो पाता। ओस्टियोपोरोसिस और मल्टीपल फ्रैक्चर के कारण हड्डी का जुड़ना करीब करीब असंभव था। साथ ही 90 साल की उम्र में, इतनी सारी बीमारियों के साथ मरीज को महीनों तक पलंग पर रहने से बहुत सारे कॉम्प्लिकेशन हो सकते थे, जो बहुत ही गंभीर और कई बार जान लेवा भी हो सकता है। इसलिए मरीज का कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण कर के तुरत चलाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर, के डॉ. विजय शर्मा सीनियर जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन ने बताया की इसके लिए विशेष प्रकार के इंप्लांट ड्यूल मोबिलिटी ज्वाइंट के साथ जोड़ प्रत्यारोपण किया गया, जो सफल रहा और मरीज दूसरे ही दिन से चलने लगा। इस तरह की सर्जरी टेक्निकली डिमांडिंग होती है, इसमें ऑपरेशन के समय या उसके बाद कॉम्प्लिकेशन की संभावना बहुत ज्यादा होती है, लेकिन सही असेसमेंट, अनुभव, और सही इंप्लांट एवं तकनीक के कारण ऑपरेशन सफल रहा और मरीज बिना किसी सहारे के चल पा रहा है। इस ऑपरेशन में डा विजय शर्मा के साथ डा मनीष गुप्ता का भी सहयोग रहा।नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के क्लिनिकल डायरेक्टर, डॉ. प्रदीप कुमार गोयल ने कहा, हमारी प्रतिबद्धता चिकित्सा प्रक्रिया में उपलब्धियों से कई ज्यादा मरीजों के लिए समर्पित रहना है। नियमित फॉलो-अप, सर्जरी की बाद की देखभाल और निरंतर सहायता हमारे उपचार प्रोटोकॉल का महत्वपूर्ण अंग हैं।नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर बलविंदर सिंह वालिए ने बताया की हम मरीजों को केंद्र में रखकर एक व्यापक देखभाल मॉडल प्रदान करते हैं। हमारा लक्ष्य न केवल रोग का निदान और उपचार करना है, बल्कि मरीजों को उनके जीवन की सर्वोत्तम गुणवत्ता प्राप्त करने में सहायता करना है।