नई दिल्ली – शैक्षिक योजना तथा प्रबंधन में क्षमता निर्माण और शोध के लिए समर्पित संस्थान, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने आज इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपना 19वां स्थापना दिवस एक विशिष्ट व्याख्यान के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में जानेमाने विचारकों ने 21वीं सदी की चुनौतियों एवं अवसरों के लिए भारत के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने में इस संस्थान की विरासत और भूमिका पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम के मुख्य मेहमान, इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राम माधव ने उभरती नई दुनिया के लिए भारत को तैयार करना विषय पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया। दिवस की कार्यवाही की शुरुआत एनआईईपीए की डीन प्रोफेसर मोना खरे के स्वागत भाषण से हुई। इस भाषण ने विचारपूर्ण चर्चाओं के लिए मंच तैयार किया। इसके बाद एनआईईपीए की कुलपति प्रोफेसर शशिकला वांजारी ने भारतीय शिक्षा के लिए संस्थान की दूरदर्शी दिशा और राष्ट्रीय नीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए एक व्यापक व्यक्तव्य दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एनआईईपीए के कुलाधिपति महेश चंद्र पंत ने की। प्रसिद्ध राजनीतिक विचारक और लेखक डॉ. राम माधव ने उभरती नई दुनिया के लिए भारत को तैयार करना विषय पर बोलते हुए डॉ. माधव ने भविष्य के साथ प्रोएक्टिव इंगेजमेंट और आत्मचिंतन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस भविष्य की वे बात कर रहे हैं, वह अब दूर नहीं है, बल्कि हमारे सामने है। अपने संबोधन में डॉ. राम माधव ने कहा,सच्ची शिक्षा केवल जानकारी नहीं देती, यह रचनात्मकता को प्रेरित करती है, मन को मुक्त करती है और चरित्र का निर्माण करती है जो एक राष्ट्र को चुनौतियों से ऊपर उठने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और सभी की गरिमा सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा विचार की स्वतंत्रता और कर्तव्य बोध में निहित है। एनआईईपीए की माननीय कुलपति प्रोफेसर शशिकला वांजारी ने एनईपी 2020 के परिवर्तनकारी लक्ष्यों के साथ भारतीय शिक्षा को जोड़ने में एनआईईपीए की भूमिका का प्रभावशाली विवरण प्रस्तुत किया। प्रोफेसर वांजारी ने एनआईईपीए के मूल मिशन को रेखांकित करते हुए कहा,एनआईईपीए में, हमारा लक्ष्य छात्रों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक उन्नति के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और उपकरणों से लैस करना है। हम उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक लचीलापन भी प्रदान करना चाहते हैं। शिक्षा के प्रति हमारा दृष्टिकोण कौशल-आधारित, बहु-विषयक और शिक्षार्थी-केंद्रित है.यह दृष्टिकोण छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनआईईपीए भारत में शिक्षा सुधार क्षेत्रों में .एनईपी 2020 को लागू करने का नेतृत्व कर रहा है। साथ ही यह शोध और क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता के अपने कार्य को भी बखूबी कर रहा है। इसकी यह सोच एनईपी 2020 के उन लक्ष्यों के साथ गहराई से मेल खाती है जो 2035 तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50% तक बढ़ाने और बहु-विषयक, कौशल-आधारित तथा शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते हैं। एनआईईपीए लगातार पेशेवर विकास कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। एनआईईपीए का वैश्विक प्रभाव महत्वपूर्ण है। यह यूनेस्को की एक पहल के रूप में इसकी उत्पत्ति से जुड़ा है। संस्थान इंटरनेशनल प्रोग्राम फॉर एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेटर्स जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है। यह 3 से 23 सितंबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र के 95 देशों के 982 प्रशिक्षणार्थियों को एक साथ लाया जाएगा। इससे शैक्षिक योजना और प्रबंधन में इनोवेशन और तजुर्बों का आदान-प्रदान होगा। यह एनईपी 2020 की उस सोच के अनुरूप है जो उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीयकरण और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है। हालांकि एनआईईपीए पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा संचालित है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के साथ इसका निरंतर सहयोग इसके कामकाज और नीतिगत प्रभाव के लिए अभिन्न हैं। संस्थान के प्रशिक्षण कार्यक्रम देश भर के शैक्षिक प्रशासकों की क्षमता निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह राष्ट्रीय शैक्षिक सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करने में लगे स्थानीय सहयोगियों को आवश्यक कौशल से लैस करके टियर-2 और टियर-3 शहरों तथा पिछड़े जिलों तक अपनी पहुँच और प्रभाव को विस्तारित करते हैं। प्रौद्योगिकी अपनाना और भविष्य की दृष्टि एनआईईपीए की प्रौद्योगिकी अपनाने की प्रतिबद्धता इसके पेशेवर विकास कार्यक्रमों में स्पष्ट है और यह जनरेटिव एआई, इंटरएक्टिव ई-कंटेंट और उन्नत तकनीकों को ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में एकीकृत करने पर केंद्रित हैं। एनआईईपीए अपने 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर ज्ञान के माध्यम से एक शिक्षित समाज को बढ़ावा देने के अपने अटूट संकल्प की पुष्टि करता है।

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