नई दिल्ली- केंद्रीय पोत, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (गंगा नदी) पर अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ावा देने के लिए ढांचागत सुविधाएं विकिसत करने संबंधी प्रमुख घोषणाएं की हैं। ये घोषणाएं आज यहां राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (गंगा नदी) पर अंतर्देशीय जलमार्ग विकास संबंधी परामर्श कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मौके पर की गई।इस परामर्श कार्यशाला की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने की, तथागिरिराज सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, बिहार सरकार, बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमार, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, पश्चिम बंगाल सरकार में सिंचाई एवं जलमार्ग मंत्री मानस रंजन भूनिया, पटना साहिब से लोकसभा सांसद रवि शंकर प्रसाद, आरा से सांसद सुदामा प्रसादउपस्थति थे। साथ ही, बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय कुमार सहित राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार के अन्य कई वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। कार्यशाला को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा,आज इस परामर्श कार्यशाला के मौके पर,हम अपनी नदियोंको पुनर्जीवित करने,खासतौर से राष्ट्रीय जलमार्गों को भविष्य में हमारे विकास के इंजन के तौर पर स्थापित करने का संकल्प लेते हैं। गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के संदर्भ में, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनावाल ने कहा, “मैं पावन गंगा नदी के सम्मान में अपना शीश झुकाता हूं यह शाश्वत जीवनदायिनी है, हमारी भारतभूमि पर सभ्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। गंगा केवल नदी नहींहै, यह भारतीय उपमहाद्वीप के दिल की धड़कन भी है। और आज, हम यहां पटना शहर में एकत्र हुए हैं ताकि विकास और बदलाव से गुजरते हुए देश के आधुनिक सफर को इस पावन नदी के साथ एकाकार करते हुए आगे बढ़ने को प्रेरित किया जा सके। इस परामर्श कार्यशाला में, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य समर्थन समझौते (एसएसए) पर हस्ताक्षर किए ताकि कम्युनिटी जैटी, रिवर क्रूज़ टूरिज़्म के परिचालन एवं प्रबंधन तथा क्विक पॉन्टून ओपनिंग मैकेनिज़्म (क्यूपीओएम) पर परस्पर सहयोग को बढ़ावा मिल सके। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स को मजबूत बनाने के लिए, एनएचएआई की सहायक एनएचएलएमएल राज्य में एक फ्रेट विलेज भी बना रही है। इसी तरह, वाराणसी और बलिया समेत एनडब्ल्यू1 पर फेयरवे रखरखाव सुविधा भी विकसित की जा रही है। कनेक्टिविटी की अड़चनों को दूर करने के लिए, बलिया में नुरंगा में क्यूपीओएम पहले से ही तैनात किया जा चुका है। ग्रामीण एवं क्षेत्रीय सुविधा को ध्यान में रखकर, 15 कम्युनिटी जेटी विकसित की जा रही हैं और आठ स्थानों पर ऑनशोर सुविधाएं निर्माणाधीन हैं तथा दो अन्य स्थानों पर ये सुविधाएं विचाराधीन हैं। दो इलेक्ट्रिक कैटामेरान हाइब्रिड पोत और एक हाइड्रोजन आधारित पोत को वाराणसी तथा अयोध्या में तैनात किया गया है जहां पहले से ही पैसेंजर क्रूज़ सेवाओं के लिए 2 Ro Paxतैनात हैं। वाराणसी में मल्टी-मॉडल टर्मिनल पहले से ही पूरी चमता से कार्यरत है, जो उत्तर प्रदेश को अंरर्देशीय जलमार्ग तंत्र के प्रमुख गढ़ के रूप में साख दिलाएगा। कोच्चि वॉटर मैट्रो को वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज में पूर्ण रूप से आंशिक आधार पर, भौगोलिक परिस्थितियों का आकलन करने के उपरांत दोहराने की योजना भी है। पटना शहर में कोच्चि वॉटर मेट्रो मॉडल को लागू करने पर विचार किया जा रहा है और इस प्रस्तावित योजना के तहत् नदी के दोनों किनारों को परस्पर जोड़ेगा ताकि कुशलतथा आधुनिक शहरी परिवहन समाधान उपलब्ध हो सके। इसके अलावापोतों की मरम्मत सुविधाभी शुरू की जाएगी जिसमें नए पोतों के निर्माण की सुविधा भी होगी। साथ ही, पटना स्थित नेशनल इनलैंड नेवीगेशन इंस्टीट्यूट (NINI)का दर्जा बढ़ाकर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) बनाने की तैयारी भी चल रही है जिससे अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन तंत्र को और मजबूती मिलेगी। यात्रियों की आवाजाही में सुधार के लिए, 16 नई कम्युनिटी जेटी तैयार की गई हैं और नेपाल से जुड़े कारोबार के लिए कालूघाट टर्मिनल को विकसित करने की योजना है। अन्य ढांचागत सुविधाओं में, चारक्विक पॉन्टून ओपनिंग मैकेनिज़्म (QPOMs),दोRO-PAXटर्मिनल, तथा दो हाइब्रिड इलैक्ट्रिक केटामेरान पोतों की तैनाती की भी योजना बनायी गई है जो सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के रूप में गंगा नदी की भूमिका को और उभारेंगे। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण तथा बिहार सरकार ने कम्युनिटी जेटी, क्रूज़ टूरिज़्म और क्यूपीओएम परिचालनों के बारे में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास को उन्नत बनाने की दिशा में पहल की है। नेशनल इनलैंड नेवीगेशन इंस्टीट्यूट (NINI), पटना को भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर अपग्रेड किया जा रहा है।

Leave a Reply