नई दिल्ली- राजधानी में मास्टर प्लान के नियमों को तोडक़र शराब के ठेके खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी ठेके खुले हैं, उन्हें बंद किया जाएगा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएंगी और नॉन कनफर्मिग इलाकों में नए ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह बात गुरूवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और तीनों नगर निगमों के मेयरों ने कही। इस दौरान दक्षिणी दिल्ली के महापौर मुकेश सुर्यान ने कहा कि कानून का उल्लंघन करके दिल्ली में शराब के ठेके खोलने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी, भले ही दिल्ली सरकार ने उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 80 नगर निगम वार्ड ऐसे हैं जहां नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी गई है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद यह बात स्वीकार की है। इसके बावजूद नियमों को तोडक़र इन इलाकों के लिए शराब के ठेकों के लाइसेंस जारी किए गए। अगर कोई व्यक्ति जानबूझ कर कानून तोड़ता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं होनी चाहिए,अगर पंजाब में मजीठिया के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो फिर दिल्ली में मनीष सिसोदिया पर क्यों नहीं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब को नशामुक्त करने की बात कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह दिल्ली के रिहायशी इलाकों में गली-गली में ठेके खोलकर शराब की नदियां बहा रहे हैं। दिल्ली सरकार बड़ी ही बेशर्मी से स्वीकार कर रही है कि हम अपना खजाना भरने के लिए ऐसा कर रहे हैं। नई शराब नीति से पहले दिल्ली में 260 सरकारी दुकानें थीं जिन्हें अब बढ़ाकर करीब 4000 किया जा रहा है। 849 ठेकों के लाइसेंस तमाम नियमों को ताक पर रखकर दिए गए हैं।