नई दिल्ली – मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय में, नॉर्थ ईस्ट रीजनल रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर ने एनआरएआई प्रोडक्शन और अरुणाचल स्टूडेंट्स यूनियन दिल्ली के सहयोग से चल अरुणाचल उत्सव का आयोजन किया। यह उत्सव अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव था, जिसमें क्षेत्र की परंपराओं, कला और स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने का उद्देश्य था। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। मिरांडा हाउस की प्राचार्या प्रो. डॉ. बिजयलक्ष्मी नंदा ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और सांस्कृतिक समझ के महत्व को स्थायी विकास के लिए आवश्यक बताया। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर, प्रो. रजनी अब्बी ने इस उत्सव को राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाला बताया। एनआरएआई प्रोडक्शन के निदेशक श्री नलिन सिंह ने कार्यक्रम का परिचय दिया, जबकि विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रियरंजन त्रिवेदी ने सांस्कृतिक संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि, अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा और पर्यटन मंत्री श्री पासंग दोरजी सोना ने उत्साहपूर्वक सभी को अरुणाचल प्रदेश की अद्वितीय धरोहर को समझने और सराहने का आमंत्रण दिया। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन हुआ, मिरांडा हाउस के छात्रों द्वारा मनमोहक फ्यूजन डांस, और अरुणाचल स्टूडेंट्स यूनियन दिल्ली द्वारा अपतानी और मोनपा नृत्यों की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सेवाधाम के बच्चों ने अपनी जीवंत प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगाए। इसके अलावा, एनआरएआई प्रोडक्शन के छात्रों द्वारा आयोजित एथनिक टेक्सटाइल शोकेस और फैशन शो ने अरुणाचल की पारंपरिक पोशाकों की बारीकी और सुंदरता को प्रदर्शित किया।चल अरुणाचल उत्सव ने अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान का उत्सव मनाया और समुदायों के बीच एकता, गर्व और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित किया।