नई दिल्‍ली – दुनिया के स्पिरिट्स एण्‍ड वाइन उद्योग में अग्रणी कंपनी, पर्यावरण के अनुकूल खेती करने और लोगों को सशक्‍त बनाने के लिए अपनी परिवर्तनकारी पहलों से ग्रामीण विकास को बढ़ावा दे रही है। ‘वाल’ (वाटर, एग्रीकल्‍चर, लाइवलीहुड) के क्षेत्र में पीआरआई के सीएसआर प्रोग्राम्‍स के तहत हर साल 10,000 से ज्‍यादा किसानों के साथ मिलकर काम किया जाता है। इससे कृषि के क्षेत्र में मजबूती, नई-नई खोजों तथा समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है। ‘वाल’ मुख्‍य रूप से सामुदायिक आधार पर पूरे साल पानी को सुलभ बनाने (2019 से 2355 संरचनाओं द्वारा भूमिगत जल के रिचार्ज की क्षमता 4484 मिलियन लीटर हो चुकी है), बेहतर उत्‍पादन के लिये माइक्रो-इरिगेशन को बढ़ावा देने, सूखे से निपटने, संसाधनों का अच्‍छे से उपयोग करने और स्‍थानीय आधार पर वैल्‍यू चेन बनाने पर केन्द्रित है। इसकी सहायता से अब तक कृषि उपज को 20% तक बढ़ाने में सफलता मिली है और इनपुट का खर्च 22% कम हुआ है।सभी की सफलता पर पीआरआई का केन्द्रित होना 5 राज्‍यों में उसके 8 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस (एफपीओ) में दिखता है। यह राज्‍य हैं राजस्‍थान, महाराष्‍ट्र, मध्‍यप्रदेश, पंजाब और उत्‍तर प्रदेश। इससे 150 गांवों में 4000 से ज्‍यादा किसानों की कमाई बढ़ रही है। छोटे और सीमांत किसानों द्वारा संचालित यह एफपीओ सहयोग को बढ़ावा देते हैं, वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान करते हैं और महत्‍वपूर्ण संसाधनों इनपुट्स, क्रेडिट और बाजार की समझ तक पहुँचाते हैं।महिलाओं का सशक्तिकरण विकास के लिये पीआरआई की समावेशी पहलों का मुख्‍य हिस्‍सा है। पीआरआई अपने 56 वूमन प्रोड्यूसर ग्रुप्‍स के माध्‍यम से महिलाओं के बीच उद्यमिता में नेतृत्‍व को बढ़ावा दे रही है। नासिक में महिलाओं द्वारा संचालित छोटे उद्यम फल-फूल रहे हैं। 3 गांवों के 7 एसएचजी की 60 महिलाएं टोमेटो पॉलीटनल्‍स, फ्लोर मिल्‍स और सेवई मशीन जैसे अभिनव प्रोजेक्‍ट्स चला रही हैं। कानपुर और बहरोड़ में क्रमश: पापड़ बनाने और सरसों का तेल निकालने के लिये पीआरआई की पहलों ने इन पारंपरिक कुशलताओं को फलता-फूलता और संवहनीय उद्यम बना दिया है। एफपीओ के बोर्ड मेम्‍बर्स में 50% महिलाएं हैं और 35% महिलाएं इसकी शेयरधारक हैं। इस प्रकार ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍थाओं में पीआरआई की पहलें लैंगिक समानता की नई कहानी लिख रही हैं।इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस और एस एण्‍ड आर (सस्‍टेनेबिलिटी एण्‍ड रिस्‍पॉन्सिबिलिटी) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गगनदीप सेठी ने कहा, “पर्नोड रिकार्ड इंडिया में हमारी एस एण्‍ड आर की पहलें ‘’गुड टाइम्‍स फ्रॉम अ गुड प्‍लेस’’ के सिद्धांत पर चलती हैं। ‘वाल’ पहल संवहनीयता के लिये हमारे सभी प्रयासों में सबसे आगे है। यह सामुदायिक सशक्तिकरण से संवहनीय कृषि के लिये हमारी प्रतिबद्धता दिखाती है। इसमें हम जल सुरक्षा, अभिनव पद्धतियों और सार्थक प्रभाव पर ध्‍यान देते हैं। आईओटी टेक्‍नोलॉजी और एआई से संचालित विश्‍लेषण द्वारा पीआरआई लंबे समय तक रहने वाला असर कर रही है। इसके लिये डेटा पर आधारित जानकारियों से किसानों को सशक्‍त किया जाता है, ताकि वे संसाधनों का इस्‍तेमाल करें और संवहनीयता के आंकड़ों पर सटीकता से नजर रखें।पीआरआई के कम्‍युनिटी रिसोर्स सेंटर (सीआरसी) ज्ञान के महत्‍वपूर्ण केन्‍द्रों का काम करते हैं। यह पारंपरिक कृषि को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ते हैं। सीआरसी लक्षित आधार पर प्रशिक्षण के कार्यक्रमों, वास्‍तविक समय में बाजार की जानकारी और आवश्‍यक संसाधनों की पेशकश करते हुए, किसानों को सूचित फैसले करने, उपज बढ़ाने और लंबे समय तक संवहनीयता सुनिश्चित करने के लिये सशक्‍त करते हैं। इसके अलावा, पीआरआई के 8 किसान संसाधन केन्‍द्र (कस्‍टम हाइरिंग सेंटर) 82 गांवों में 4250 किसानों को मेकैनाइज्‍़ड टूल्‍स प्रदान करते हैं। इससे कृषि में मेकैनाइजेशन को बढ़ावा मिलता है और उत्‍पादकता बढ़ती है।नवाचार, समावेशन और संवहनीयता के लिये अपनी प्रतिबद्धता के माध्‍यम से पीआरआई ग्रामीण भारत में लगातार बदलाव लाने वाली एक ताकत बनी हुई है। इसका सर्वांगीण तरीका किसानों की तात्‍कालिक आवश्‍यकताएं पूरी करता है और अपने से सेवा प्राप्‍त करने वाले समुदायों की लंबे समय तक समृद्धि भी सुनिश्चित करता है। पीआरआई की पहलों का कृषि की महत्‍व श्रृंखला पर बड़ा असर होता है। इससे किसानों की आजीविका बढ़ रही है, महिलाएं सशक्‍त हो रही हैं और ऐसे भविष्‍य का रास्‍ता बन रहा है, जहाँ ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍थाएं स्‍थायी तरीके से फलें-फूलें। पर्नोड रिकार्ड इंडिया के विषय में
पर्नोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पीआरआई) तेजी से बढ़ रही बहुराष्‍ट्रीय अल्‍कोहल-बेवरेज कंपनी है। यह पूरी तरह से पर्नोड रिकार्ड साउथ एशिया के स्‍वामित्‍व वाली उसकी सहायक कंपनी है और देशभर में अपने उपभोक्‍ताओं को अच्‍छी गुणवत्‍ता के उत्‍पादों की आपूर्ति कर रही है। ब्रैंड का शानदार पोर्टफोलियो
पर्नोड रिकार्ड इंडिया के पास हर कैटेगरी में जाने-माने ब्रैंड्स हैं। उद्योग के सबसे बेहतरीन पोर्टफोलियोज में से एक उसके पास है, जिसका नाम सीग्रैम्‍स व्हिस्‍कीज है और इसमें लॉन्गिट्यूड 77, रॉयल स्‍टैग, रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट, ब्‍लेंडर्स प्राइड, ब्‍लेंडर्स प्राइड रिजर्व कलेक्‍शन, इम्‍पीरियल ब्‍लू, 100 पाइपर्स और अंतर्राष्‍ट्रीय प्रमुख ब्रैंड्स की एक बड़ी श्रृंखला आती है, जैसे कि शिवास रीगल, बैलेंटाइन्‍स, द ग्‍लेनलिवेट, रॉयल सैल्‍यूट और जेम्‍स ऑन आइरिश व्हिस्‍की। उसकी व्‍हाइट स्पिरिट्स कैटेगरी के कुछ सक्षम ब्रैंड्स में शामिल हैं एबसोल्‍युट वोडका, जैकब्‍स क्रीक और कैम्‍पो वियेजो वाइन्‍स, मार्टेल कॉग्‍नेक, बीफीटर और मंकी47 जिन, कहलुआ और मालिबू लिक्‍वर्स, मुमांद पेरियर-जोएट शैम्‍पेन।

ग्‍लोबल होने के बावजूद ‘मेक इन इंडिया’ के लिये प्रतिबद्ध
दुनिया में भारत पर्नोड रिकार्ड के परिचालन के लिये महत्‍वपूर्ण बना हुआ है और कंपनी भारत पर सबसे ज्‍यादा फोकस कर रही है। दुनिया में पर्नोड रिकार्ड के लिये सबसे तेजी के साथ बढ़ रहे व्‍यवसायों में से एक के तौर पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिये इस ग्रुप की प्रतिबद्धता भारत के भीतर उसकी बिक्री में दिखती है। इसमें स्‍थानीय रूप से निर्मित 97% से ज्‍यादा ब्रैंड्स हैं। दुनिया के म्‍यांमार, इंडोनेशिया, वियतनाम, चीन, नाइजीरिया और कैमरून में छह विनिर्माण स्‍थलों और 50+ देशों में उपस्थिति के साथ सीग्राम्‍स व्हिस्‍कीज का निर्यात 40 देशों में हो रहा है।
भारत में 30 साल की समृद्ध विरासत एवं परिचालन के साथ, कंपनी की नासिक (महाराष्‍ट्र) में एक डिस्टिलरी और 24 बॉटलिंग साइट्स हैं। नासिक (महाराष्‍ट्र) में कंपनी की एक अत्‍याधुनिक डिस्टिलरी एवं वाइनरी भी है, जहाँ जोखिम के प्रबंधन की अनूठी और एकीकृत व्‍यवस्‍था तथा शून्‍य प्रदूषण की सुविधा है। नासिक की वाइनरी और रॉकी में एल्‍को-बेवुनिट्स पहली सुविधाएं हैं, जिन्‍हें FSSC22000 प्रमाणन मिला है।

जिम्मेदारी के साथ तरक्की की मिसाल
पर्नोड रिकार्ड इंडिया को उद्योग में अग्रणी माना जाता है। उसके पास बीडब्‍ल्‍यू पीपुल का ‘बेस्‍ट प्‍लेसेस टू वर्क 2021’, ग्रेट एम्‍प्‍लॉयर के लिये स्‍टीवी 2021- गोल्‍ड और द इकोनॉमिक टाइम्‍स का ‘बेस्‍ट प्‍लेसेस टू वर्क फॉर वूमन 2021’ जैसे पुरस्‍कार हैं। कंपनी को ग्रेट प्‍लेस टू वर्क इंस्टिट्यूट ने ‘द ग्रेट प्‍लेस टू वर्क 2021’ का प्रमाणन भी दिया है। विविधता एवं समावेशन का मजबूती से ध्‍यान रखकर पर्नोड रिकार्ड इंडिया ने दक्षिणी तथा पूर्वी क्षेत्र में अपनी विनिर्माण स्‍थलों पर शॉप फ्लोर में महिलाओं को 50% से ज्‍यादा प्रतिनिधित्‍व दिया है।पर्नोड रिकार्ड इंडिया को व्‍यवसाय तथा स्‍थानीय समुदायों के लिये इस तरह से ‘साझा महत्‍व के निर्माण’ पर भरोसा है कि जिससे देश में बदलाव लाने वाली तरक्‍की और विकास हो सके। पर्नोड रिकार्ड इंडिया फाउंडेशन (पीआरआईएफ) कंपनीज़ एक्‍ट, 2013 (‘’एक्‍ट’’) के तहत निगमित सेक्‍शन 8 कंपनी है। यह पीआरआई के पूर्ण-स्‍वामित्‍व वाली सहायक कंपनी है और उसके परिचालन स्‍थलों के आस-पास तथा अन्‍य जगहों पर कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी के लिये उसकी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये स्‍थापित हुई है।

Leave a Reply