नई दिल्ली – रेल कर्मचारियों के संगठन नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के महासचिव डा. एम. रघुवैया व उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) के महासचिव बीसी शर्मा ने सुंयक्त रूप से आयोजित प्रेस कांफ्रेस में आज कहा कि रेल कर्मचारियों समेत विभिन्न महासंघों/संघों के साथ नये पेशन स्कीम (एनपीएस के खिलाफ दस अगस्त (2023) को रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार, डिफेंस, डाक्टर, शिक्षक आदि शामिल होंगे। इस मौके पर एनएफआईआर के प्रवक्ता एसएन मलिक भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने कहा कि हमारी मांग है कि जो पुरानी पेंशन लाएगा वहीं वोट पायेगा। जो भी पार्टी अपने मेनिफेस्टो में यह मुद्दा लायेगी उसी पार्टी को हम लोग स्पोर्ट करेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि एनपीएस के तहत किसी को पेंशन मिलेगा ही नहीं । उन्होंने बताया कि इस एनपीएस के तहत महज चार हजार रुपए पेंशन मिल रहा है, जबकि पुराने पेंशन में आपके वेतन का आधा पैसा मिलता था। उन्होंने कहा कि सरकार के पास करोड़ो रुपए पीएफ का जमा होता है, फिर भी यह लोग नुकसान की बात कर रहे हैं। रघुवैया ने कहा कि 1972 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेंशन कर्मचारी का फंडामेंटल राइट है और इससे सरकार इनकार नहीं कर सकती है, फिर भी 2003 में एनपीएस लाया गया। उन्होंने कहाकि उम्र बढने के साथ स्वास्थ्य समस्याएं बढती जाती है और उस समय पैसों की ज्यादा जरूरत होती है। रिटायरमेंट के बाद चार हजार से अधिक पेंशन नये पेंशन स्कीम के तहत नहीं मिल रहा है। इसके खिलाफ हम लोग विभिन्न महासंघों/संघों के साथ रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें देशभर से रेल कर्मचारी शामिल होंगे और ज्वाइंट फोरम की ओर से एनपीएस के खिलाफ और ओपीएस की बहाली के लिए भविष्य में तीव्र संघर्ष का कार्यक्रम घोषित किये जाने की उम्मीद है।