सिविल सेवा की तैयारी न सिर्फ लगातार बिना रुके बिना थके प्रयास करते रहने की मांग करती है, बल्कि इसमें उम्मीदवारों के मानसिक स्वास्थ्य की भी परीक्षा होती है। पढ़ाई के अलावा इस पूरी यात्रा में मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका सबसे आगे है। स्वस्थ होने पर ही आप लगातार पढ़ाई कर सकते हैं। तन और मन से मजबूत होने पर ही आप कामयाबी का परचम लहरा सकते हैं।  ऐसे कई मौके आते हैं जब सफलता असफलता आपको परखेगी। इन सब के अलावा परिवार और दोस्त का साथ बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं क्या है चुनौतियां और उनसे कैसे निपटें।

मानसिक चुनौतियां

सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए परीक्षार्थी को ऐड़ी चोटी का जोर लगाना होता है। बावजूद इसके सफलता मिल ही जाएगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। कम सफलता दर होने कारण परीक्षा की तैयारी की शुरुआत से रिजल्ट आने तक तनाव से गुजरना स्वाभाविक है।  हर वक्त लगता है नहीं कुछ कमी रह गई। तैयारी के कई चरणों में परीक्षार्थी के मन में  उथल पुथल चलती है।  कभी परिवार साथ न मिलना तो एक दो बार असफल होने पर परीक्षार्थी मन से टूटने लगता है। एकांत में लंबे समय तक अध्ययन भी कई दफा उसे अपनों से दूर कर देता है। जो आगे चलकर एक भावनात्मक तनाव को जन्म देता है। ऐसे में इन मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी व्यक्ति के संपूर्ण प्रदर्शन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।

तनाव प्रबंधन

सिविल सेवा जैसी परीक्षा में तनाव चरम पर होता है। हालांकि एक स्तर तक का तनाव हमारी तैयारी को बेहतर भी बना सकता है। अगर तनाव आपकी तैयारी पर नकारात्मक प्रभाव डालना शुरू कर दे तो यहां आपको सचेत हो जाना चाहिए। तैयारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए प्रभावी तनाव प्रबंधन आवश्यक है। नियमित शारीरिक व्यायाम, ध्यान और संतुलित आहार बनाए रखने जैसी तकनीके तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उम्मीदवारों को अपना ध्यान और संयम बनाए रखने के लिए परीक्षा के दबाव को कम करने के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।

असफलता में सफलता ढूंढ़े

सिविल सेवा परीक्षा में कई एक या दो बार की असफलता परीक्षार्थी को भीतर से तोड़ देती हैं। लगतार मिल रही असफलताएं काफी निराशा लेकर आती हैं। अगर सिर्फ उन असफलताओं के बारे में सोचते रहेंगे तो आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे। दरअसल आपको इन असफलताओं को सीखने के नए अवसरों की तरह देखना चाहिए। यह न सिर्फ आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि आपके आत्मसम्मान के साथ आपको पे्ररित रखने के लिए भी जरूरी है। देर सवरे यही सीख आपको सफलता दिलाएगी।

परीक्षा में परिवार की की भूमिका

पूरी जिंदगी में हमारे परिवार का साथ हमारे लिए बेहद जरूरी होता है। हमारे फैसले में जब हमारा परिवार साथ होता है तो हम हर मुश्किल को हंसते हंसत पार कर लेते हैं। सिविल सेवा की यात्रा में परिवार का समर्थन गेम-चेंजर हो सकता है। परिवार के सदस्यों का भावनात्मक प्रोत्साहन उम्मीदवारों को इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए मदद करता है। परिवार का साथ हमेशा मानसिक मजबूती देता है। परीक्षा तैयारी के दौरान परिवार न सिर्फ आर्थिक रूप से साथ देता है, बल्कि हर पड़ाव में साथ होने का विश्वास बेफिक्र हो मंजिल की ओर बढ़ने में मददगार भी होता है। इस वर्ष कई ‘सिविल सेवा परीक्षा’ के टॉपर्स ने अपनी सफलता की कहानियों में परिवार के समर्थन के महत्व पर जोर दिया है। उदाहरण के लिए –

54वीं रैंक, कशिश बख्शी ने एक साक्षात्कार में कहती हैं कि ‘मेरा परिवार मेरी सफलता में सबसे बड़ा सहायक सिद्ध हुआ। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि मैं मानसिक रूप से शांत थी और मेरे स्वास्थ्य का पूरा ख्याल मेरे परिजनों ने रखा, जिससे मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकी।’

सिविल सेवा परीक्षा-2023 में छाया सिंह ने 65वीं रैंक प्राप्त किया है। उन्होंने अपनी समझ और प्रोत्साहन का श्रेय अपनी माँ को दिया है। उनका कहना है कि असफलता के क्षण में भावनात्मक मदद की जरूरत होती है। सृष्टि डबास ने ‘सिविल सेवा परीक्षा’ में 6वीं रैंक हासिल किया है। उन्होंने बताया कि उनकी मां की आशावादिता और सकारात्मकता ने उन्हें व्यक्तिगत और सामाजिक चुनौतियों से उबरने में मदद की।

राव आईएएस के सीईओ अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि  सिविल सेवा परीक्षा की यात्रा, जितनी शैक्षणिक है, उनती ही मानसिक चुनौतियों से भरी है। इस तैयारी के सफर में उम्मीदवारों को अपने मानसिक स्वाथ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। भावनात्मक स्तर पर परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका अभ्यर्थी के भीतर नए ऊर्र्जा का संचार करती है। इस परीक्षा में सफल होने वाले इच्छुक अभ्यर्थी की सहायता, उनका निर्माण और उनके मानसिक स्वाथ्य की रणनीति एक महत्वपूर्ण अंग है।