सरकार के तुगलकी रवैये से व्यापारियों की टूट गई कमर : नेता प्रतिपक्ष
नई दिल्ली- दिल्ली में बढ़ते करोना के मामलों के देखते हुए सरकार ने दिल्ली की बाजारों को ऑड-ईवन के आधार पर खोलने की अनुमति दी है, ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाया जा सके। लेकिन दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सरकार द्वारा उठाए इस कदम को कारोबारियों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की सख्ती के नाम पर सिर्फ  जुर्माना वसूली पर ही सारा ध्यान दे रही है। इससे व्यापारियों और दुकानदारों का जीना कितना मुश्किल हो रहा है,उनकी सुध लेने के लिए सरकार के पास वक्त नहीं है।
सरकार ने वीकेंड कफ्र्यू के तौर पर शनिवार और रविवार को सारी मार्केट बंद करने का आदेश दिया है। इसके बाद कम से कम बाकी पांच दिनों में तो दुकानदारों को पूरा काम करने की इजाजत दी जाए। हालत यह है कि दो दिन तो वीकेंड कफ्र्यू के नाम पर दुकानें बंद हैं और उसके बाद बाकी बचे पांच दिनों में ऑड-ईवन लागू होने के कारण दुकानदारों को सिर्फ  दो दिन या ज्यादा से ज्यादा तीन दिन ही दुकानें खोलने की इजाजत मिल रही है।
इससे दुकानदारों की कमर टूट गई है। उन्हें बिजली के बिल भरने हैं, दुकानों का किराया देना है,दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन देना है और सरकार को हर तरह का टैक्स भी भरना है। आखिर सप्ताह में दो दिन ही दुकान खोलकर वे सारे खर्चे कैसे निकालें। कोरोना के कारण ग्राहक घर से बाहर नहीं निकल रहा। इससे उनकी दुकानदारी भी चौपट हो गई है। बाजारों में माल ढोने जैसा काम करने वाले मजदूरों का कामधंधा भी लगभग बंद हो गया है और उनके भूखों मरने की नौबत आ गई है। इसीलिए उनका पलायन भी हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि सरकार ने पिछले 15 दिनों में कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के कारण जुर्माने के रूप में 15 करोड़ रुपए वसूले हैं। सरकार जुर्माने के रूप में सैकड़ों करोड़ रुपए इकट्टे कर चुकी है।
सरकार ने कोरोना के जुर्माने को आमदनी का एक साधन मान लिया है। सरकार इस राशि का इस्तेमाल बाजारों में होमगार्ड या सिविल डिफेंस के वालंटियरों की नियुक्ति करने पर करे ताकि वे कोरोना नियमों का पालन सुनिश्चित करा सकें। यह स्टाफ  मार्केट में आने वाले हर व्यक्ति को सेनेटाइज करे और जिसके पास मास्क न हो, उसे मास्क उपलब्ध कराए। सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल कराना भी सरकारी स्टाफ  की ही जिम्मेदारी हो। बिधूड़ी ने कहा कि अगर मेट्रो और बसें पूरी केपेसिटी से चल सकती हैं क्योंकि वहां कोरोना नियमों का पालन कराया जा रहा है, तो फिर बाजार क्यों नहीं खोले जा सकते। बिधूड़ी ने कहा है कि सरकार अपना ये तुगलकी रवैया छोड़े और आज ही बाजारों को पूरी तरह खोलने के आदेश जारी करे। बाजारों में कोरोना नियमों का पालन करना सरकार अपनी जिम्मेदारी के रूप में ले और व्यापारियों को इस तरह कोरोना के नाम पर बलि का बकरा बनाना बंद करे।