भारत सरकार भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की उसके पड़ोसी देशों के साथ लगती सीमाओं के रास्ते से सडक़ मार्ग से निकालने का प्रयास कर रही है और फिर उन्हें वतन लाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए निकासी उड़ानों की व्यवस्था की जा रही है और परिवहन का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए निकासी उड़ानों की व्यवस्था कर रही है। इस निकासी के लिए खर्च पूरी तरह से सरकार वहन करेगी। भारत हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के साथ यूक्रेन की सीमाओं के जरिए भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि यूक्रेन की सरकार ने रूसी सैन्य हमले के बाद देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को बताया कि यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों के बारे में ऑनलाइन पंजीकरण से स्पष्ट हुआ था कि वहां 20,000 भारतीय हैं और इनमें से लगभग 4,000 भारतीय नागरिक वतन लौट चुके हैं। संबंधित घटनाक्रम में, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि रोमानिया और हंगरी सीमा से भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
दूतावास ने एक परामर्श में कहा कि भारतीय टीम को हंगरी सीमा पर चोप-जाहोनी चेक पोस्ट के साथ-साथ रोमानिया सीमा के पास पोरबने-स्ट्रीट पर, उजहोरोड में चेर्नित्सी के आसपास तैनात किया जा रहा है। परामर्श में कहा गया, इस कठिन परिस्थिति में, भारत का दूतावास भारतीयों से मजबूत, सुरक्षित और सतर्क रहने का अनुरोध करता है। दूतावास भी यूक्रेन में भारतीय समुदाय की मदद करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। परामर्श में कहा गया कि भारत सरकार और दूतावास रोमानिया और हंगरी से निकासी मार्ग स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीयों की निकासी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है और भारतीय अधिकारियों की टीम हंगरी में जाहोनी सीमा चौकी, पोलैंड में क्राकोविएक सीमा, स्लोवाकिया में वेस्ने नेमेके, रोमानिया में सुसेवा सीमा पर तैनाती के लिए रास्ते में है। उन्होंने कहा, हमने अपने कुछ अधिकारियों को यूक्रेन में सीमा के करीबी स्थानों पर शिविर कार्यालय स्थापित करने के लिए भी कहा है। इनमें पोलैंड के करीब ल्वीव और रोमानिया के करीब चेर्नित्सी चिह्नित किए गए हैं।