भारत की अग्रणी प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनियों में से एक, एसएआरसी ने भारत की वैश्विक यात्रा के ऐतिहासिक क्षण के तौर पर अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लॉस आल्टोस के एंबर इंडिया रेस्त्रां में 21 अगस्त 2025 को अपनी इंटरनेशनल स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “विकसित भारत@2047” के संकल्प और मेक इन इंडिया अभियान के विजन से जुड़ा हुआ रहा। इस अवसर पर ग्लोबल इन्वेस्टर, नीति निर्माताओं, उद्यमियों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों की प्रभावशाली उपस्थिति रही, जिसने भारत की विकासगाथा की वैश्विक प्रतिध्वनि को और मजबूत किया। मुख्य पैनल में सुनील कुमार गुप्ता (चेयरमैन एवं ग्लोबल लीडर, एसएआरसी डॉ. नागेंद्र प्रसाद (भारत के पूर्व राजदूत, कज़ाखस्तान), कपिल देव (दिग्गज क्रिकेटर), आशुतोष वर्मा (संस्थापक एवं सीईओ, एएनवीआई फिनटेक और हेड टेक एंड एआई, एसएआरसी एम.आर. रंगास्वामी (संस्थापक, इंडियास्पोरा), जिष्णु भट्टाचार्य (संस्थापक, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स) शामिल रहे। इस पैनल का संचालन पुनीत कालिया (संस्थापक, कीव कैपिटल) ने किया। कार्यक्रम का केंद्रबिंदु एसएआरसी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च रहा, जो भारत में 40 वर्षों की उत्कृष्टता की विरासत रखने वाली फर्म है और अब वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।चार दशकों से एसएआरसी की पहचान: ‘एस’ स्ट्रैटजी, जो उद्यमों को दिशा देती है; ‘ए’ एडवायजरी, जो परिवर्तन का मार्गदर्शन करती है; ‘आर’ रिलायबिलिटी, जो विश्वास कायम करती है; और, ‘सी’ कम्प्लायंस, जो विकास को सुनिश्चित करता है, के तौर पर रही है। इन गुणों ने इसे विश्व स्तर पर भविष्य-उन्मुख उद्यमों का वास्तुकार बना दिया है। एसएआरसी की विशेषज्ञता में एआई-नेटिव ऑडिट, ब्लॉकचेन कम्प्लायंस, क्वांटम-रेजिस्टेंस साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल-ट्विन इकोसिस्टम और प्रेडिक्टिव सप्लाई चेन शामिल हैं, जो इसे भविष्य की अर्थव्यवस्थाओं का शिल्पकार बनाते हैं और यह नेताओं, निवेशकों और उद्यमों को पूरे विश्वास और अखंडता के साथ बड़े लक्ष्य हासिल करने की ताकत प्रदान करता है। शुभारंभ पर बोलते हुए सुनील कुमार गुप्ता ने कहाःयह सिर्फ एक शुभारंभ नहीं है, बल्कि भारत का संदेश है पूरी दुनिया के लिए। एसएआरसी एक ऐसा कंपास है, जो व्यवसायों को टिकाऊ विकास, विस्तार और निश्चितता की दिशा दिखाता है। मॉडरेटर पुनीत कालिया ने “मेक इन इंडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंडिया एडवांटेज पर चर्चा की नींव रखी। डॉ. नागेंद्र प्रसाद ने भारत की सामरिक महत्ता पर प्रकाश डाला, जबकि कपिल देव ने राष्ट्र की ‘अंडरडॉग’ से उठकर खड़े होने की क्षमता और दृढ़ता को रेखांकित किया। उन्होंने एसएआरसी के साथ अपने निजी संबंध साझा करते हुए इसकी अटूट विश्वसनीयता का उल्लेख किया और बताया कि उन्होंने व्यावसायिक दायरे से परे भी कई बार इसकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया है। सुनील कुमार गुप्ता ने एसएआरसी की 40 वर्षों की यात्रा और उद्देश्य को प्रस्तुत किया, वहीं आशुतोष वर्मा ने भारत के फिनटेक विकास पर जोर दिया। इसके बाद विष्णु दातला, एम.आर. रंगास्वामी और जिष्णु भट्टाचार्य के साथ फायरसाइड चैट में भारत के वैश्विक प्रभाव पर चर्चा हुई। आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएँ अस्थिर माहौल में लचीले विकास मॉडल की तलाश में हैं, एसएआरसी भारतीय जड़ों पर आधारित लेकिन वैश्विक स्तर पर स्केलेबल उद्यम-परिवर्तन का खाका प्रस्तुत करता है। इसका अंतरराष्ट्रीय पदार्पण केवल कॉरपोरेट माइलस्टोन नहीं बल्कि एक प्रतीकात्मक सेतु है जो भारतीय उत्कृष्टता के चार दशकों को वैश्विक अर्थव्यवस्था की आकांक्षाओं से जोड़ता है। इस विस्तार के साथ, एसएआरसी सीमा-पार सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहता है, जिससे वैश्विक व्यवसायों को सशक्त किया जा सके और भारत की “विकसित भारत@2047” की यात्रा को मेक इन इंडिया के माध्यम से गति मिल सके, साथ ही साझा वैश्विक समृद्धि को भी बढ़ावा दिया जा सके।

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