नई दिल्ली – त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में आज भगवान जगन्नाथ का ‘सुनाभेष’ (सोने के आभूषणों का श्रृंगार) में भव्य दर्शन हुआ। यह शुभ अवसर 58वीं रथ यात्रा महोत्सव के अंतर्गत मनाया गया, जिसमें भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को रथ पर स्वर्णाभूषणों से सजाया गया। हजारों श्रद्धालु इस दिव्य दृश्य के साक्षी बने और उन्होंने भगवान के इस अद्भुत रूप का दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया। यह आयोजन 28 जून से 8 जुलाई 2025 तक चल रहे रथ यात्रा महोत्सव का विशेष आकर्षण रहा। मंदिर की कार्यकारी समिति ने महोत्सव को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी तैयारियाँ बड़े स्तर पर की थीं। पूजा-अर्चना, सुरक्षा, सफाई और भक्तों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। मंदिर परिसर को भव्य सजावट, रंगीन विद्युत सज्जा और पुष्पों से सजाया गया, जिससे वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक और भक्तिमय हो गया। इस महोत्सव की खास बात यह रही कि देश के विभिन्न राज्यों से आए लोकनृत्य और सांस्कृतिक दलों ने प्रतिदिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें ओड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती और दक्षिण भारतीय परंपराओं की झलक देखने को मिली। श्रद्धा और संस्कृति का यह संगम दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव रहा। सुनाभेष का आयोजन रथ यात्रा के अंतिम चरण में होता है और इसे अत्यंत शुभ व ऐश्वर्यकारी माना जाता है। भगवान जगन्नाथ को सोने के मुकुट, चक्र, गदा, पद्म आदि से अलंकृत किया गया, जो भगवान के राजसी वैभव का प्रतीक है। जैसे-जैसे महोत्सव अपने अंतिम दिन की ओर बढ़ रहा है, भक्तों के मन में भगवान के दर्शन और इस भव्य आयोजन की स्मृतियाँ गहरी छाप छोड़ रही हैं।

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