नई दिल्ली – एसएलसीएम समूह ने भारत के कृषि-लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार और सुरक्षा समस्याओं को हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने 19 राज्यों के 240 जिलों में 1,500 से अधिक गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, साइलो और तेल टैंकों में जीपीएस-इनेबल्ड डिजिटल ताले लगाए हैं। इससे भारत के कृषि-लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी में सुधार हुआ है। इसकी मुख्य विशेषताओं में जीपीएस-टैग और टाइमस्टैम्प, प्रत्येक लॉक और अनलॉक घटना को जीपीएस-टैग और टाइमस्टैम्प के साथ दर्ज किया जाता है, जिससे पूरी तरह जवाबदेही और ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित होती है।कई यूजर तक पहुंच और कस्‍टमाइज करने योग्य सिस्टम, सिस्टम आंतरिक एसओपी के अनुरूप कई यूजर तक पहुंच का समर्थन करता है और कस्‍टमाइज करने योग्य है।इस अवसर पर एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ, संदीप सभरवाल ने इस उपलब्धि के बारे में कहा, एसएलसीएम का मानना है कि कृषि का भविष्य तकनीक, भरोसे और पारदर्शिता के मेल से बनेगा। हमारे जीपीएस-इनेबल्‍ड डिजिटल तालों के साथ, हम सिर्फ सामान की सुरक्षा नहीं कर रहे, बल्कि लोगों की आजीविका, खाद्य सुरक्षा और भारत की कृषि-अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।रीयल-टाइम ट्रैकिंग और विस्तृत रिपोर्टिंग व सिस्टम रीयल-टाइम ट्रैकिंग और विस्तृत रिपोर्टिंग प्रदान करता है, जिससे कार्यप्रवाह को तेज किया जा सकता है और मैनुअल हस्तक्षेप को कम किया जा सकता है। एसएलसीएम के चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफीसर, प्रशांत शर्मा ने बताया, ‘‘हमारा डिजिटल वॉल्ट समाधान कृषि-लॉजिस्टिक्स में एक बड़ा तकनीकी कदम है। एसएलसीएम के चीफ बिजनेस ऑफिसर, सलमान उल्लाह खान ने कहा, 1500 से ज्यादा गोदामों में डिजिटल वॉल्ट्स लगाने से हमारे स्‍टोरेज नेटवर्क में परिचालन और वित्तीय जोखिम काफी कम हो गए हैं। इससे न सिर्फ कृषि-संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बैंकों, कॉरपोरेट्स, एनबीएफसी और कृषि-उद्यमों जैसे हमारे ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ा है। एसएलसीएम के इस कदम से कृषि-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।इस प्रकार एसएलसीएम की उपलब्धियों में 1,500 से अधिक गोदामों में जीपीएस-इनेबल्ड डिजिटल ताले लगाए गए हैं।19 राज्यों के 240 जिलों में एसएलसीएम की उपस्थिति है।एसएलसीएम ने 11,186 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन संपत्ति का प्रबंधन किया है।लगभग 60% संपत्ति अब एसएलसीएम के डिजिटल तालों के जरिए रोजाना सुरक्षित है।एसएलसीएम की इस उपलब्धि से भारत के कृषि-लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक नया बदलाव आया है और कंपनी ने अपनी नेतृत्व स्थिति को और मजबूत किया है।

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