नई दिल्ली- आत्मनिर्भर भारत के व्यापक उद्देश्य के साथ भारत में माल के निर्माण और इससे जुड़ी सेवाओं को प्रोत्साहन देने की भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के अनुपालन में उत्तर रेलवे ने 28 दिसंबर को डिजिटल माध्यम से वेडर मीट का आयोजन किया। इस मीट का उद्देश्य रेल मंत्रालय में मेक इन इंडिया नीति के क्रियान्वयन के संबंध में औद्योगिक परिप्रेक्ष्य को समाहित करते हुए व उसके फीड-बैक की प्रकृति को समझते हुए नीति को और अधिक बेहतर तरीके से क्रियान्वित करना है । इस मीट में देश के विभिन्न उद्योगों के 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मीट के दौरान इस बात को रेखांकित किया गया कि उत्तर रेलवे की खरीद प्रक्रिया मेक इन इंडिया उत्पादों के लिए सहयोगी है ।
इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि किसी भी तरह के प्रतिबंधित अथवा भेदभावपूर्ण मानदंडों से बचा जाए ताकि विभिन्न खरीदों में स्वदेशी उद्योगों को मदद मिल सके। भागीदारी, स्वदेशी कम्पनियों के साथ सहयोग भारत में उत्पादन इकाईयों की स्थापना अथवा भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से लोकल कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए नीति के प्रावधानों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है ।
लोकल कंटेंट की सही व्याख्या, श्रेणी 1 और 2 के अंतर्गत वेंडरों की वर्गीकरण और गैर स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं, खरीद प्राथमिकता का विस्तार और निविदा निर्णय में खरीद की प्राथमिकता के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया जैसे नीति के विभिन्न प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए भी विचार-विमर्श किया गया। सीमित स्वदेशी वेंडर बेस वाली मदों की डिजिटल प्रदर्शनी में स्थानीय निर्माण क्षमता को बढ़ाने वाले उद्योगों से संबंधित सभी जरूरी सूचनाओं के साथ प्रदर्शित किया गया । उनके संदेहों को दूर करने के लिए बुलाए गए सत्र में उद्योगों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया । उद्योगों के प्रतिनिधियों ने उत्तर रेलवे पर नीति के क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और आशा व्यक्त की कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेक इन इंडिया नीति के अंतर्गत आगे भी व्यापक रूप से सहभागिता प्राप्त होगी ।