बेंगलुरु- कर्नाटक विधानपरिषद में विपक्ष का नेता नहीं बनाए जाने से नाखुश वरिष्ठ कांग्रेस नेता सी एम इब्राहिम ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी और पद छोडऩे का फैसला किया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया पर बार बार निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा करेंगे। वैसे वह लंबे समय तक सिद्धरमैया के करीबी रहे हैं। इब्राहिम ने कहा, मैं खुश हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुझे उस बोझ से मुक्त कर दिया जो मेरे ऊपर था, अब मैं अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं। मैं शीघ्र ही राज्य में अपने शुभचिंतकों से बात करूंगा।
यहां अब कांग्रेस मेरे लिए बंद अध्याय है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह सिद्धरमैया की खातिर और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस से जुड़े थे। उन्होंने इस संबंध में अपने प्रयास गिनाए। उन्होंने कहा,.बस इस व्यक्ति (सिद्धरमैया) की खातिर मैंने देवगौड़ जैसे नेता और जनता दल को छोड़ा, लेकिन उन्होंने मुझे क्या दिया? …..राज्य के जो लोग मुझे आशीर्वाद एवं समर्थन देते हैं, वे कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री इब्राहिम 2008 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन वह पिछले कुछ समय से पार्टी एवं सिद्धरमैया से नाखुश चल रहे थे। इब्राहिम ने यह फैसला तब किया जब कांग्रेस ने कल बी के हरिप्रसाद को विधान परिषद में विपक्ष का नेता नियुक्त कर दिया। कार्यकाल पूरा होने के बाद एस आर पाटिल के सदन से सेवानिवृत हो जाने के बाद यह पद खाली हुआ था।