नई दिल्ली- गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड जो कि भारत की टॉप डिजिटल फुल स्टैक इंश्योरेंस कंपनियों में से एक है, ने पैरामीट्रिक इंश्योरेंस के अंतर्गत क्लेम का पहला भुगतान करने की घोषणा की है। नोएडा में तापमान 42°C के पार होने पर पहला पेआउट ट्रिगर हुआ। पैरामीट्रिक इंश्योरेंस एक खास तरह का कवर है जो हीट इंडेक्स के आधार पर प्रवासी मजदूरों को ऑफर किया जा रहा है। इसे केएम दस्तूर रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स और जन साहस फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप में कंपनी ने 6 शहरों में शुरू किया है। इस कवर का मकसद उन मजदूरों को आर्थिक राहत देना है जिनकी जिंदगियों पर गर्मी ने गहरा असर डाला है। यह कवरेज प्रवासी मजदूरों को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और लखनऊ में ऑफर की जा रही है। कई प्रवासी मजदूर दैनिक मजदूरी पर निर्भर होते हैं और बहुत ज्यादा गर्मी में काम करते हैं। इस कारण उन्हें हीट स्ट्रोक होने की संभावना होती है, जिसमें उनकी जान भी जा सकती है। 2024 में, हीट स्ट्रोक के 67,637 संदिग्ध मामले और 374 मौतें भारत में दर्ज की गईं थीं। हर शहर के लिए अलग-अलग थ्रेशोल्ड तापमान तय किया गया है, जो कि 42 से 43.7°C के बीच है। डिजिट की पैरामीट्रिक इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत इंश्योर्ड प्रवासी मजदूरों को ₹3,000 तक का भुगतान किया जाएगा। इससे वह अपनी सेहत का ख्याल रखने के साथ ही रोजाना की जरूरतों को भी पूरा कर पाएंगे। ऑफर के बारे में बात करते हुए डिजिट इंश्योरेंस के चीफ ऐक्चूएरी एंड प्रोडक्ट ऑफिसर, आदर्श अग्रवाल कहते हैं कि,डिजिट का हीटवेव पैरामीट्रिक इंश्योरेंस प्रवासी मजदूरों को जरूरी सुरक्षा कवच देने की ओर अहम कदम है, जो उन्हें भीषण गर्मी में फाइनेंशियल तौर पर मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। नोएडा में समय पर हुए पेआउट यह साबित होता है कि पैरामेट्रिक इंश्योरेंस की मदद से पर्यावरण से जुड़ी कई चुनौतियों से निपटा जा सकता है। पैरामेट्रिक कवर में हॉस्पिटलाइजेशन कैश अलाउंस भी शामिल है, जो किसी भी तरह की अचानक लगी चोट या बीमारी की स्थिति में ₹5,000 तक मिल सकता है। यह अलाउंस तापमान ज्यादा न होने और अस्पताल में भर्ती होने के अन्य मामलों में भी लागू होता है। इस प्रोडक्ट पर बात करते हुए केएम दस्तूर रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, अयानदेव साहा कहते हैं,“हम इस हीट स्ट्रेस कवर के बारे में सकारात्मक सोच रखते हैं क्योंकि यह पारंपरिक और पैरामीट्रिक इंश्योरेंस के फायदों को एक साथ जोड़ता है। जहां एक तरफ तापमान बढ़ने पर पैरामीट्रिक इंश्योरेंस पारदर्शिता और समय पर मदद देता है तो वहीं दूसरी ओर मजदूरों को हीट के कारण बीमार पड़ने पर बिना किसी ट्रिगर के, हॉस्पिटल कैश कवर का फायदा भी मिल रहा है। यह दोनो कवर एक साथ मिलकर एक गेम चेंजर की तरह काम करते हैं जिस कारण क्लाइमेट से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है। पहचान किए गए प्रवासी मजदूरों के लिए इस कवर के प्रीमियम का भुगतान जन साहस फाउंडेशन की ओर से किया जाएगा। इससे प्रवासी मजदूरों को अत्यधिक गर्मी से सुरक्षा मिलेगी। इस पहल पर जन साहस फाउंडेशन के डायरेक्टर, राजपाल पंवार कहते हैं,जन साहस विश्वास करता है कि पैरामीट्रिक इंश्योरेंस असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को क्लाइमेट से जुड़ी घटनाओं की वजह से होने वाले आय और हेल्थ को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए फाइनेंशियल तौर पर मजबूत बना सकता है। हम इंश्योरर्स, एम्प्लॉयर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर लाखों असंगठित मज़दूरों तक ऐसे प्रोडक्ट्स पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।