नई दिल्ली- एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी 40 स्कूल बंद कर रही है। इसका कारण स्कूलों में बच्चे कम हैं। जबकि खुद नॉर्थ एमसीडी का कहना है कि पिछले साल 2.9 लाख बच्चे थे और इस साल 3.03 लाख के आसपास बच्चे हैं। जब 13000 बच्चे बढ़े हैं तो भाजपा नए स्कूल बनाने की जगह 40 स्कूल बंद क्यों कर रही है। नॉर्थ एमसीडी ने पिछले साल 34 स्कूल बंद किए थे, तब भी बच्चे कम होने का कारण दिया था। हमें खबर मिली है कि जल्द ही भाजपा इन 40 स्कूलों को बेचने का प्रस्ताव रखने वाली है। दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल के स्कूल हैं जो देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चित हैं, वहीं एमसीडी अपने स्कूलों को बंद कर अपने नेताओं को बेचने की तैयारी में है।आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बुधवार को एक डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोई भी देश कोई भी राष्ट्र तबतक आगे नहीं बढ़ सकता है जबतक वहां स्कूलों का अच्छा सिस्टम ना हो। आपने देखा होगा कि आम आदमी पार्टी ने एक काम किया है, जो दूसरों को असंभव लगता था कि ऐसा भी कभी हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा का एक ऐसा सिस्टम बना, स्कूलों का एक ऐसा जाल बुना कि आज हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चर्चे हो रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को पूरी तरह बदल दिया है।पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है, वहां के लोग भी कहते हैं कि आपने स्कूल बहुत अच्छे बनाए हैं। आप गोवा चले जाओ, वहां के लोग भी यही बात दोहराते हैं। इसी प्रकार से आप कहीं भी कैंपेन करने चले जाओ लोग यही कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को बहुत अच्छा कर दिया है। जब दिल्ली के लोग दिल्ली में शिक्षा सिस्टम में आए बदलाव पर इतना गर्व कर रहे हों, उनके लिए बड़ी हताश करने वाली बात होगी कि उसी दिल्ली में जो एमसीडी है, जिसके अंतर्गत बहुत सारे स्कूल आते हों, जहां बहुत ही गरीब परिवार के बच्चे पढ़ने जाते हों, बड़ी ही शर्म की बात है कि वह एमसीडी लगातार स्कूलों को बंद कर रही है।कुछ दस्तावेज पेश करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने अभी कुछ दिनों पहले दक्षिणी दिल्ली के स्कूल बंद किए थे। इसी तरह से अब वह उत्तरी दिल्ली के स्कूल बंद करने जा रहे हैं। पिछले साल इन्होंने नॉर्थ एमसीडी के 34 स्कूल बंद किए थे। वहीं इस साल 40 स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिसके दस्तावेज मेरे पास उपलब्ध हैं जिसमें सभी 40 स्कूलों की जानकारी लिखी हुई है। जब यह 40 स्कूल बंद हो जाएंगे, तो वहां पढ़ने वाले बच्चे कहां जाएंगे, यह तो एक बड़ा प्रश्न है ही, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ अखबारों के जरिए हमें पता चला कि एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि बच्चे कम हो गए हैं इसलिए स्कूल बंद कर रहे हैं। जबकि खुद नॉर्थ एमसीडी का कहना है कि पिछले साल उनके पास 2.90 लाख बच्चे थे और इस साल 3,03,000 लाख के आसपास बच्चे हैं। मतलब 13000 बच्चे एमसीडी में बढ़े हैं। इसके बावजूद 40 स्कूलों को बंद करने की नौबत क्यों आ रही है? इसमें साफ गड़बड़ी नज़र आती है। अगर 13000 बच्चे एमसीडी के स्कूलों में बढ़े, तब तो और स्कूल खुलने चाहिए थे। फिर स्कूलों को बंद क्यों किया जा रहा है? भारतीय जनता पार्टी में हमारे कई लोग मौजूद हैं जो हमें सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। हाल ही में भाजपा पार्षदा ने ढ़लाव की ज़मीन पति को दे दी और ऊपर से यह कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है। यह खबर भी हमें वहीं से मिली। अब हमें यह खबर मिली है कि जो 40 स्कूल हैं, अगली बार भाजपा उन्हें बेचने का प्रस्ताव लेकर आने वाली है। भाजपा के नेता एनजीओ बनाकर उन स्कूलों की ज़मीन अपने नाम कर लेंगे। पहले ज़मीनों पर कब्जा किया, ओल्ड होम पर कब्जा किया, अस्पतालों पर कब्जा की, ढ़लाव की ज़मीन पर कब्जा किया और अब स्कूलों पर कब्जा करने का प्लान बना रहे हैं। सभी को पता है कि दिल्ली में ज़मीन की बहुत समस्या है, लेकिन भाजपा ने यह नया तरीका निकाला है कि पहले स्कूल बंद करेंगे फिर उसकी इमारत को यह कहकर किसी एनजीओ को दे देंगे कि यह एनजीओ बहुत अच्छा है, यहां बहुत अच्छे काम होते हैं। असल में यह एनजीओ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के ही किसी नेता का होगा। एक तरीके से यह जो 40 स्कूल हैं, उनको बेचकर भाजपा के नेता इन ज़मीनों पर कब्जा करना चाहते हैं। मैं भाजपा के नेताओं से कहना चाहता हूं कि अब बहुत कम वक्त बचा है। आपके पास मुश्किल से 2-2.5 महीना बचा हुआ है। इस बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी। इन सभी चीजों की जांच कराएंगे और सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कराएंगे।