नई दिल्ली – आईसेक्ट ग्रुप ने सत्वा कंसल्टिंग के सहयोग से 23 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित एसकेआई एनुअल समिट के उद्घाटन के दौरान स्टेम शिक्षा में जेन्डर समानता पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट उभरती नौकरियों के परिदृश्य की पड़ताल करती है और भारत में डिजिटल एवं स्टेम स्किल-बेस्ड शिक्षा की अनिवार्यता को रेखांकित करती है। स्टेम फील्ड के भीतर जेन्डर असमानता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रिपोर्ट लड़कियों की स्टेम शिक्षा में बाधा डालने वाली चुनौतियों पर ध्यान देती है, जिनमे सामाजिक मानदंड, सांस्कृतिक अपेक्षाएं एवं पूर्वाग्रह शामिल हैं। इसके अलावा यह हालिया प्रगति और भारत में स्टेम शिक्षा के सामने आने वाली तमाम चुनौतियों पर प्रकाश डालती है साथ ही जेन्डर बाधाओं की दृढ़ता पर जोर देती है।रिपोर्ट के महत्व और स्टेम शिक्षा में महिला भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बोलते हुए, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने बताया की “आईसेक्ट एजुकेशन की फ़ील्ड में पिछले 35 साल से काम कर रहा है। इस कॉन्फ़ेरेंस का एजुकेशन ट्रैक में पार्टनर है, सत्वा जो कि एक सोशल सेक्टर संगठन है और आज उसी का वार्षिक कार्यक्रम है। आज भारत के सामने जो भी बड़ी सोशल सेक्टर की चुनौतियां हैं उनमे स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा तथा डिजिटलीकरण है। जिन्हे लेकर आज एक्सपर्ट्स की बातचीत हुई। इसमें पॉलिसी सलाहकार और ऑनग्राउंड काम करने वाले संगठन और एनजीओजी भी शामिल हैं। इसके साथ ही सत्वा और आईसेक्ट ने मिलकर स्टेम शिक्षा (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन) की रिपोर्ट लाँच की, बहुत सी महिला छात्रों और विषय विशेषज्ञों से बात करने के बाद यह रिपोर्ट लॉन्च की गई है, जिसमे रिपोर्ट को देखकर कुछ ऐसी चीजें निकल कर सामने आ रही हैं जिस पर आगे काम किया जा सकता है। स्टेम शिक्षा एक एडवांस स्टेज में देखा जाता है जबकि स्टेम से परिचय एक फाउंडेशन स्टेज में ही हो जाना चाहिए हम जानते हैं कि आने वाले 10 साल में जो अर्थव्यवस्था में नए नौकरियां होंगी उनमें से 80% में स्टेम कौशल की आवश्यकता होगी।सरकार के नीतिगत सुधारों और सकारात्मक कार्रवाइयों के बावजूद, रिपोर्ट से पता चलता है कि उच्च माध्यमिक ग्रेड में विज्ञान विषयों से स्नातक करने वाली लड़कियों का प्रतिशत कई राज्यों में कम है, जो कि लगातार चुनौतियों का संकेत देता है। आईसेक्ट ग्रुप और सत्वा काउन्सलिंग की संयुक्त रिपोर्ट का उद्देश्य इन चुनौतियों से निपटना और भारत में नवाचार, आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को चलाने में महिलाओं की आवश्यक भूमिका को पहचानते हुए स्टेम क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक महिलाओं को प्रेरित करना है। रिपोर्ट लॉन्च के एक महीने बाद बाजार में उपलब्ध होगी।