भुवनेश्वर- कोने में एक डेस्क पर रखी एक चमकदार ट्रॉफी, जिसकी ऊंचाई लगभग एक फुट है और जिसके ऊपर हॉकी स्टिक लगी है, वह हस्तशिल्प प्रदर्शनी में बाकी कलाकृतियों से अलग नजऱ आ रही है। पंकज साहू द्वारा बनाई गई चांदी के जऱदोजी काम वाली यह ट्राफी, भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में 2018 पुरुष हॉकी विश्व कप में सभी खिलाडय़िों को दिए गए स्मृति चिन्ह की प्रतिकृति है। कटक में पैदा हुई इस हस्तशिल्प कला को वह मंच मिला जिसकी वह हकदार थी, लेकिन वह इस समय सही विपणन के इंतजार में हैं।क्राफ्ट्स काउंसिल ऑफ ओडिशा के अध्यक्ष संतोष महापात्र ने उन शिल्पों के बारे में सोचा जो संरक्षण के अभाव में खराब हो रहे हैं और उन्हें पुनर्जीवित करने या संरक्षित करने के लिए क्या किया जा सकता है। पुरी जिले का रघुराजपुर, जो पट्टाचित्र या पिपली के लिए प्रसिद्ध हैं, वहां महीनों से कोई आगंतुक नहीं आया। महापात्रा ने भुवनेश्वर क्लब में आयोजित मास्टर क्राफ्टर्स कार्यक्रम के दो दिवसीय उद्घाटन प्रदर्शनी के दौरान कहा,उनके पास करने के लिए कोई काम नहीं था। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अन्य आवश्यक वस्तुओं के विपरीत इसमें अधिक समय लगेगा। यह पर्यटन से जुड़ा हुआ है, जो धीरे-धीरे पीछे हट रहा है। क्राफ्ट्स काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध सीसीओ ने प्रदर्शनी में पट्टाचित्र, स्टोनवेयर, एप्लीक, हैंडवॉवन इकत, ढोकरा, चांदी का जऱदोजी का काम और सीशेल वर्क्स जैसे उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की। सीसीओ प्रमुख ने स्पष्ट किया कि चूंकि सीसीआई एक सरकारी संगठन नहीं था और उसके पास बजट नहीं था, वह उन उद्योगों के साथ सहयोग करने का प्रयास करेगा, जो कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी निधि का उपयोग कर सकते हैं। हस्तशिल्प विभाग की आयुक्त शुभा शर्मा ने प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। आयुक्त ने कहा, बिक्री के संबंध में कोई समस्या नहीं होगी और लोग निश्चित रूप से अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुएं खरीदेंगे। उन्होंने कहा, हम ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अधिक से अधिक शिल्पकारों को पंजीकृत कराने का प्रयास करेंगे। परिषद ने स्वीकार किया कि कई उत्कृष्ट शिल्पकार थे जिन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर देने की आवश्यकता थी।