पटना – प्रधानमंत्री अपने तीसरे कार्यकाल में कुछ बड़ा करने वाले हैं. इसका संकेत उन्होंने न सिर्फ दूसरे कार्यकाल के दौरान बल्कि चुनावी प्रचार के दौरान भी कई बार दिया. हालांकि इस बार उनकी सरकार उतनी मजबूत नहीं है क्योंकि बीजेपी 240 सीट पर ही कब्जा जमा पाई है औऱ इस बार एनडीए के घटक दलों की बदौलत बीजेपी सत्ता में आई है. लिहाजा इस बार मोदी सरकार पर दबाव पहले के मुकाबले ज्यादा होगा. इस बीच मोदी शुरुआत 100 दिनों में ही कुछ बड़े फैसले लेने की तैयारी में जुटे है. पीएम बनते ही उन्होंने पहला विदेश दौरा भी पूरा कर लिया है. जी-7 में हिस्सा लेकर लौटे पीएम अब बिहार जाने की तैयारी में है. इसके लिए उनका पूरा शेड्यूल भी तय हो चुका है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं आखिर इतनी जल्दी पीएम मोदी बिहार क्यों जा रहे हैं. क्या यहां सबकुछ ठीक है.याफिर यहां भी कोई बड़ा उलटफेर हो सकता है. पीएम मोदी 19 जून को बिहार यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान वह पटना में नालांदा यूनिवर्सिटी में बने नए कैंपस का उद्घाटन करेंगे. लेकिन उनके इस उद्घाटन समारोह में पहुंचने से ज्यादा चर्चा उनके नई सरकार के गठन के 10 दिन में ही पहुंचने पर ज्यादा फोकस्ड है. हर कोई यह सोच रहा है कि आखिर इतनी जल्दी क्या थी कि पीएम मोदी को बिहार का दौरा करना पड़ा.दरअसल नीतीश कुमार इस बार एनडीए सरकार में किंगमेकर की भूमिका हैं. उनका पलटी मार वाला नेचर बीजेपी पर लगातार दबाव बनाकर रख सकता है. शायद यही वजह है कि पीएम मोदी अपनी नई सरकार के 10 दिन में ही बिहार आने के लिए राजी हो गए हैं. माना जा रहा है कि अब नीतीश कुमार अपने 12 सांसदों के जरिए न सिर्फ बिहार बल्कि केंद्र में भी डबल इंजन के साथ आगे बढ़ेंगे.मोदी के बिहार आने की वजह यह भी हो सकती है कि एनडीए को दो प्रमुख घटक दलों जिन पर बहुमत का सारा दारोमदार है वह है टीडीपी और जेडीयू. टीडीपी की सरकार के शपथ ग्रहण में तो पीएम मोदी आंध्र प्रदेश पहुंच गए थे, लेकिन बिहार में उनका कोई दौरा नहीं हुआ था. ऐसे में ये हो सकता है कि अपने दूसरे बड़े सहयोगी का हौसला बढ़ाने और किसी भी तरह की नाराजगी न हो इसके लिए वह बिहार पहुंच रहे हैं.नालंदा यूनिवर्सिटी का कार्यक्रम एक बहाना हो सकता है. पीएम मोदी यहां पर बीजेपी और जेडीयू के बीच किसी तरह की तकरार न हो इस पर भी बात कर सकते हैं. दरअसल अंदरखाते ये खबरें सामने आ रही हैं. प्रदेश बीजेपी के सदस्यों में कुछ नाराजगी है. सूत्रों की मानें तो बिहार में बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन के दौरान इस बात पर सहमति बनी थी कि आने वाले वक्त में सम्राट चौधरी को सीएम बनाकर नीतीश कुमार केंद्र की तरफ अपना रुख कर लेंगे. इस बार पीएम मोदी के दौरे के बीच इस तरह की कोई संभावना बन सकती है.