नई दिल्ली – स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्लोबल रैंकिंग द्वारा एंडोक्राइनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म के क्षेत्र में टॉप 2 फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के तीन वैज्ञानिकों को जगह दी गई है। डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. वी. मोहन को भारत में नंबर वन की रैंकिंग दी गई है। डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर की प्रबंध निदेशक और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ. आरएम अंजना और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गुहा प्रदीपा को लिस्ट में क्रमशः आठवें और बारहवें नंबर पर रखा गया है। वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्लोबल रैंकिंग को बेहद प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त रैंकिंग माना जाता है। इससे वैज्ञानिकों के शोध कार्यों के प्रभाव और असर का उनके एच-इंडेक्स के आधार पर आकलन किया जाता है। यह संख्यात्मक संकेतक शोधकर्ता के कार्यों की उत्पादकता और प्रभाव की गुणवत्ता को परखता है। एच-इंडेक्स शोध प्रबंधों की संख्या और शोध ग्रंथों में उद्धरणों की संख्या को भी ध्यान में रखता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि उच्‍च एच-सूचकांक वैज्ञानिक समुदाय पर गहरे प्रभाव और इस क्षेत्र में ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक है। डॉ. वी. मोहन को भारत में एंडोक्राइनोलॉजी और मेटाबॉल्जिम के क्षेत्र में लगातार दूसरे साल नंबर वन की रैंकिंग मिली है। उन्होंने 1646 शोध पत्रों का प्रकाशन किया है, जिन्‍हें 191,256 उद्धरण प्राप्‍त हुए हैं। उनका 153 का उल्लेखनीय एच-इंडेक्स है, जो भारत के सभी मेडिकल वैज्ञानिकों में सबसे ज्यादा है। इस लिस्ट में वैज्ञानिक शोध विशेषज्ञता के सभी क्षेत्रों में दुनिया भर के 210,199 वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है, जिसमें से 4,635 (2.2 फीसदी) वैज्ञानिक भारत के हैं।