नई दिल्ली – केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज सरकार के ‘सेवा पखवाड़ा’ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रमो में शामिल हुए। सोनोवाल ने शहर के सिविल अस्पताल में आयोजित ‘स्वच्छता में जन भागीदारी’ के तहत सफाई अभियान में भाग लिया, जिसका उद्देश्य सफाई कर्मचारियों, सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों को नियमित सफाई में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना था। एलएससी सांसद केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़, चबुआ, तिनसुकिया, मार्गेरिटा, डिगबोई, मकुम, नाहरकटिया और नामरूप के विभिन्न नगर निकायों के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के लाभ के लिए ऐतिहासिक चौकीडिंगी मैदान में “सफाई मित्र सुरक्षा शिविर” का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम में 500 से अधिक सफाई कर्मचारियों ने भाग लिया, जहां सोनोवाल ने उनसे बातचीत भी की। सोनोवाल ने आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए सभी आवयश्क कदम उठाएगी।इस अवसर पर बोलते हुए सोनोवाल ने कहा, स्वच्छ भारत अभियान सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय आंदोलन है जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सफलतापूर्वक चल रहा है। बापू महात्मा गांधीजी के शब्दों से प्रेरित होकर हमारे गतिशील नेता नरेंद्र मोदी जी ने एक दशक पहले इस अभियान की शुरुआत की थी जो आज भी आम लोगों की शानदार प्रतिक्रिया के साथ मजबूती से जारी है। इस वर्ष, इस सेवा पखवाड़े के दौरान, हम ‘स्वच्छता ही सेवा’ थीम मना रहे हैं क्योंकि हम एक स्वच्छ कल की ओर अपनी यात्रा जारी रखते हैं। इस प्रयास में, हमारे समाज का सबसे महत्वपूर्ण वर्ग हमारे भाई और बहन हैं जो सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि हम आज डिब्रूगढ़ निर्वाचन क्षेत्र की देखभाल करने वाले 500 से अधिक सफाई कर्मचारियों के साथ एक छत के नीचे बैठे हैं। मैं आज पूरी श्रद्धा के साथ आप सभी के सामने नतमस्तक हूं। आगे कहते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा,एक सार्वजनिक कार्यक्रम तभी एक सच्चे जन आंदोलन में बदल जाता है, जब उसमें सच्ची भागीदारी हो। और जब ऐसा आंदोलन होता है, तो सफलता जरूर मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान एक शक्तिशाली जन आंदोलन बन गया है। स्वच्छता ईश्वर की पूर्णता को दर्शाती है। बापूजी ने हमें स्वच्छता का दर्शन दिखाया है। कोई भी व्यक्ति पर्यावरण की देखभाल और स्वच्छता के प्रति कई लोगों को प्रेरित कर सकता है। इसके लिए हमें बेहतर बदलाव करने होंगे और प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने के तरीके अपनाने होंगे। जैसा कि अभियान कहता है, हमें बाहर की सफाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ अपने भीतर की सफाई भी करनी चाहिए। ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ कुछ ऐसा है जिसे हम इस लोकप्रिय अभियान के माध्यम से हासिल करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में पूरे देश में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की शुरुआत की। पिछले साल स्वच्छता ही सेवा अभियान में 15 करोड़ से ज़्यादा नागरिकों ने श्रमदान किया था, जिसमें 32 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था। संस्थागत इमारतों, कचरा संवेदनशील स्थलों, जल निकायों, विरासत में मिले अपशिष्ट स्थलों, नदी के किनारों और जलक्षेत्रों, पर्यटक स्थलों, समुद्र तटों की सफ़ाई की गई। ‘स्वच्छता की भागीदारी’ अभियान स्वच्छता प्रतिज्ञाओं, सार्वजनिक कार्यशालाओं, मैराथन, साइक्लोथॉन, मानव श्रृंखलाओं, ग्राम सभाओं, यूथ कनेक्ट और कचरे से कला कार्यक्रमों के ज़रिए जन भागीदारी, जागरूकता और वकालत को प्रोत्साहित करता है। इसका उद्देश्य पूरे समाज को शामिल करना है।