नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली में इन गर्मियों में बिजली की पीक डिमांड 8000 मेगावॉट के पार जा सकती है। पिछले साल शहर में पीक डिमांड 7323 मेगावॉट रही थी। पिछले साल गर्मियों में बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 3118 मेगावॉट थी, जो इस साल 3500 मेगावॉट पहुंच सकती है। बीवाईपीएल इलाके में पिछले साल बिजली की पीक डिमांड 1656 मेगावॉट पहुंची थी, जो इस बार गर्मियों में 1800 मेगावॉट तक जा सकती है। दिनोंदिन बढ़ रही बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बीएसईएस पूरी तरह तैयार है। बढ़ती डिमांड को देखते हुए बिजली की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है, ताकि आने वाली गर्मियों में दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वी दिल्ली के 1.80 करोड़ निवासियों को पूरी बिजली मिले। लंबी अवधि के समझौतों के तहत केंद व राज्यों के पावर प्लांटों से मिलने वाली बिजली के अलावा, बीएसईएस को पावर बैंकिंग सिस्टम से भी 690 मेगावॉट बिजली मिलेगी। पावर बैंकिंग के तहत, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, गोवा, अरूणाचल प्रदेश और तमिलनाडु से बीएसईएस को बिजली मिलेगी। बीएसईएस के पास अच्छी मात्रा में हरित ऊर्जा भी उपलब्ध है। सेकी की 600 मेगावॉट सौर ऊर्जा के अलावा 300 मेगावॉट पवन ऊर्जा और कचरे से बनी 31 मेगावॉट बिजली बीएसईएस के पास उपलब्ध है। बीएसईएस उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर लगे रूफ टॉप सोलर प्लांटों से मिलने वाली 126 मेगावॉट सौर ऊर्जा भी बीएसईएस के पास उपलब्ध है। उपरोक्त के अलावा, जल्द ही सेकी की ओर से ही 210 मेगावॉट अतिरिक्त सौर ऊर्जा और 150 मेगावॉट अतिरिक्त पवन ऊर्जा भी बीएसईएस को मिलने लगेगी। उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए बीएसईएस ने न सिर्फ बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की है, बल्कि बिजली की मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाने के लिए वह अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है। इसमें मौसम का अनुमान लगाने वाली तकनीक भी शामिल है। उल्लेेखनीय है कि लोड का लगभग सटीक अनुमान लगाने में तापमान, बारिश, बादल, हवा की गति, हवा की दिशा और उमस आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीएसईएस एडवांस्ड स्टैटिस्टिकल फोरकास्टिंग मॉडल्स, अत्याधुनिक वेदर फोरकास्टिंग सोल्यूशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रही है। इसमें आईएमडी.पॉस्को द्वारा उपलब्ध कराई गई विशेषज्ञता का भी उपयोग किया जा रहा है। बिजली की मांग का बेहतर अनुमान लगा पाने की क्षमता,उपभोक्ताओं को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति में काफी मददगार साबित होती है।
