रायपुर- छत्तीसगढ़ में आधा दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे के एक दिन बाद सत्ताधारी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यहां जांच एजेंसी के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि यह एजेंसी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर कार्वाई कर रही है। प्रवर्तन निदेशायल ने छापे की यह कार्वाई तब की है जब 24 फरवरी से रायपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। ईडी की कार्वाई के विरोध में वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू, पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और जिला कांग्रेस कमेटी शहर के अध्यक्ष गिरीश दुबे के नेतृत्व में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता आज पचपेड़ी नाका इलाके में स्थित ईडी कार्यालय भवन के सामने पहुंचे और धरना दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ नारे लगाए तथा मोदी सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। जब प्रदर्शनकारी ईडी कार्यालय की ओर बढऩे लगे तब कार्यालय के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और इस दौरान प्रदर्शनकारियों तथा पुलिसकर्मियों के बीच मामूली हाथापाई भी हुई। कांग्रेस की नेता छाया वर्मा ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा, कांग्रेस से डरी हुई है इसलिए वह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वर्मा ने कहा, हम कांग्रेस ऐसी चीजों से नहीं डरेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और मजबूत बनकर उभरेंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला लेवी मामले की जांच के तहत कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जुड़े परिसरों और कई स्थानों पर छापेमारी की थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर छापे को राजनीति से प्रेरित कदम बताया था और कहा था कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से डर गई है और राजनीतिक विरोधियों की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। बघेल ने कहा था कि उनका इरादा रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को प्रभावित करना है जहां विधानसभा चुनाव और 2024 के आम चुनावों के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी। ईडी ने कहा है यह जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े समूह के द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्एक टन कोयले के लिए 25 रुपए की अवैध उगाही की जा रही थी। इस मामले में अब तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।