जयपुर-विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा प्राप्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से प्राप्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियों के समान मान्यता देने का फैसला किया है। इग्नू के एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ममता भाटिया ने यहां एक बयान में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी की गई सार्वजनिक सूचना के हवाले से बताया कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा प्राप्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से प्राप्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियों के समान मान्यता दी जाएगी। इसके अनुसार यूजीसी की यह सार्वजनिक सूचना उन विद्यार्थियों के लिए राहत की सांस है जिन्हें इग्नू की डिग्री को लेकर संशय तथा परेशानियों का सामना कर पड़ रहा था, इस कदम से से इग्नू के पाठ्यक्रमों में नामांकन संख्या बढऩे के आसार है। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली से शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के हित में एक ऐतिहासिक पहल की है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी इग्नू के पाठ्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रवेश लेकर इसका लाभ उठाने से नहीं चूकना चाहिए। क्षेत्रीय निदेशक ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने जनवरी सत्र 2023 के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 है।