नई दिल्ली- केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू के लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दिए गए एक उत्तर पर आपत्ति जताते हुए जदयू नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मंत्री को प्रश्नों का जवाब देने में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। सदन में प्रश्नकाल में लोक जनशक्ति पार्टी के सदस्य चंदन सिंह के विचाराधीन कैदियों को मताधिकार संबंधी पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए रीजीजू ने कहा कि देश में सभी को वोट देने का अधिकार है और जो लोग जेल में हैं, उनके समेत सभी को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन मतदान को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने मंत्री के जवाब पर आपत्ति जताते हुए कहा, मंत्री ने कहा कि कोई भी विचाराधीन कैदी जो जेल में है या बाहर है उसे वोड डालने का अधिकार है। मेरी जानकारी में मंत्री का जवाब तथ्यों से परे है।
उन्होंने कहा कि जब किसी आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है तो उसके मौलिक अधिकार रोक लिए जाते हैं और मतदान एक मौलिक अधिकार है। सिंह ने कहा, इसलिए मैं मंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि संवेदनशील प्रश्नों पर संवेदनशीलता के साथ जवाब दिए जाने चाहिए। जदयू सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए रीजीजू ने कहा कि सरकार के लिए सभी नागरिक समान हैं और वह कानून मंत्री होते हुए यह नहीं कह सकते कि विचाराधीन कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है। कानून मंत्री ने यह भी कहा, जब कोई मामला अदालत में विचाराधीन है तो हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि लोग जेल में रहते हुए चुनाव लड़ते हैं और जीत भी जाते हैं। रीजीजू ने कहा, इस पर आप क्या कहेंगे