आज के यह डिजिटल युग में कम्प्यूटर एकाउंटेंसी बहुत काम की चीज बन गई है। अब हर कंपनी, व्यापारिक संस्थान, मल्टी नेशनल कंपनियों में कम्प्यूटर एकाउंटेंसी पर ही जोर दिया जा रहा है। अब पुरानी स्टाइल के बही खातों का दौर खत्म हो चुका है। कम्प्यूटर एकाउंटेंसी ने अब सभी तरह के लेन-देन, बिक्री और खरीदारी को स्मार्ट डिजिटल मैनेजमेंट बना दिया है। जीएसटी के लागू होने के बाद कई तरह के व्यापार में कई तरह के फार्मस आदि को जारी करना कम्प्यूटर एकाउंटेंसी के जरिये ही संभव हो पाया है। ऐसे में युवाओं के लिए कॅरियर बनाने के लिए कंम्प्यूटर एकाउंटेंसी एक अच्छा क्षेत्र बनता जा रहा है।
आज के नये और तकनीकी दौर में सब कुछ डिजिटल हो रहा है। फाइनेंस ऐंड एकाउंटिंग सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा है। सभी सरकारी या प्राइवेट ऑफिसेज में आय-व्यय का लेखा-जोखा या बही-खाते कंप्यूटर पर ही तैयार किए जा रहे हैं। कम्प्यूटर एकाउंटेंसी ने काफी हद तक आउंट्स के क्षेत्र के भार को कम कर दिया है। बस एक क्लिक के साथ ही सारा काम डिजिटल तरीके से पूरा हो जाता है। इसलिए अब पहले की तरह मोटे-मोटे रजिस्टर या फाइलों में रिकॉर्ड मेनटेन रखने का झंझट अब नहीं रहा।
आज एक कंप्यूटर में हजारों फाइल्स का रिकॉर्ड्स रखना संभव है। यह सुविधाजनक भी है, जब चाहें इसे देख सकते हैं। यही कारण है कि कंप्यूटर एकाउंटेंसी की डिमांड दिनोंदिन बढती जा़ रही है। यह ऐसा कोर्स है जिसे औसत पढ़ाई वाले युवा भी कर सकते हैं और जॉब्स मिलने की भी पूरी गारंटी है। टैली, बुसी या सैप जैसे एडवांस्ड सॉफ्टवेयर्स के आ जाने से डिजिटल एकाउंटेसी का काम और भी आसान हो गया है। कोर्स में सैप, एमसीए, आइएफआरएस तथा इन्कम टैक्स प्लानिंग जैसे नए विषय जुड़ने से डिजिटल एकाउंटेंसी के जानकारों के लिए करियर के ऑप्शंस दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं।
जॉब की अपार संभावनाएं
कंप्यूटर एकाउंटेंसी के क्षेत्र में युवाओं के लिए फ्यूचर बहुत अच्छा है। सरकारी और प्राइवेट दोनों फील्ड में जॉब्स के ढेर सारे मौके उपलब्ध हैं, क्योंकि आजकल मॉल्स, शो रूम्स, बीपीओ, केपीओ या फैक्ट्रीज के अलावा चाहे कोई बहु राष्टीय कंपनी हो या छोटी, उन्हें एकाउंट्स के लिए बैक ऑफिस एकाउंटेंट, एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव, एकाउंट्स असिस्टेंट, फाइनेंस एग्जीक्यूटिव, सीनियर एकाउंटेंट या एकाउंट्स मैनेजर की हर समय जरूरत है। मंदी आ जाने पर भी एकाउंट्स की डिमांड बनी रहती है। इतना ही नहीं, इस फील्ड में परफॉर्मेंस के साथ-साथ सैलरी भी बढ़ती रहती है। देश में मल्टीनेशनल कंपनियों के आगमन से एकाउंटिंग में जॉब्स के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं।
जानें क्या है वर्क प्रोफाइल
नेशनल या मल्टीनेशनल कंपनियों में कंप्यूटर एकाउंटेंसी बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम है। ऐसे प्रोफेशनल आजकल एकाउंट्स मेनटेन रखने के अलावा बैक ऑफिस का काम भी संभालते हैं। यानी ऑफिस के संचालन के लिए रोजाना होने वाले खर्च का ब्यौरा भी यही रखते हैं। इसके अलावा, ऑफिस की तमाम लेनदारियों को निपटाने, एकाउंट्स के फाइनलाइजेशन तथा कैशियरिंग जैसे दूसरे कामों का जिम्मा भी इन्हीं के ऊपर होता है।
बेहतर विकल्प
कंप्यूटर एकाउंटेंसी प्रमुख तौर पर कंप्यूटर से जुड़ा कामकाज है। इसलिए यदि आपको कंप्यूटर पर काम करना अच्छा लगता है और टेक्निकल चीजों के प्रति इंट्रेस्ट है और हिसाब-किताब का काम करना बोरिंग नहीं लगता है, तो निःसंदेह फाइनेंस सेक्टर का यह स्पेशलाइज्ड कॅरियर आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
जानें कोर्स और क्वालिफिकेशन
यह कोर्स करने के लिए अभ्यर्थी का किसी भी स्ट्रीम से 12वीं या ग्रेजुएशन पास होना जरूरी हैं। इसके लिए कॉमर्स या फाइनेंस बैकग्राउंड का होना आवश्यक नहीं है। हालांकि, आजकल कॉमर्स और फाइनेंस की पढ़ाई करने वालों के लिए कंप्यूटर एकाउंटिंग का ज्ञान रखना बहुत जरूरी हो गया है। ये कोर्स एक साल से लेकर दो साल तक की अवधि के हैं। आमतौर पर ऐसे कोर्स अभी प्राइवेट कंप्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों में ही संचालित हो रहे हैं। कोर्स के अंतर्गत स्टूडेंट्स को डाटा एनालिसिस ऐंड मैनेजमेंट, एकाउंट्स, बुक कीपिंग, जीएसटी, एमएस ऑफिस, टैली के अलावा सैप और आईएफआरएस जैसे एकाउंटिंग के कुछ नए सॉफ्टवेयर्स की भी जानकारी दी जाती है।
कितनी हो सकती है सैलरी
आईसीएwww.bit.ly/ica-pusa-road-delhi के सेंटर डायरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव का कहना है कि कंप्यूटर एकाउंटेंसी का कोर्स करने के बाद युवाओं को किसी भी कंपनी में शुरू में 20 से 25 हजार रुपये की सैलरी मिल जाती है। बड़ी-बड़ी कंपनियों में पैकेज और भी अधिक मिल सकता है। ऐसे युवाओं को महज एक से डेढ़ साल के अनुभव के बाद 30 से 40 हजार रुपये प्रति माह की आसानी से सैलरी मिलने लगती है, हालांकि अनुभव बढ़ने के साथ बड़ी कंपनियां लाखों रूपये प्रति माह पर ऐसे लोगों को रखती हैं।