पीएम आवास योजना में घोटाले का मामला लगातार सामने आ रहा है. कभी किसी और के नाम पर किस्त उठा ली जाती है तो कभी उन्हें किस्त ही नहीं मिलती है. ताजा मामला रामगढ़ जिले से समाने आ रहा है. जहां लाभुकों को अब तक इस योजना की एक भी किस्त नहीं मिली है. मामले को लेकर कहा जा रहा है कि जिन्होंने रिश्वत नहीं दी उन्हें किस्त नहीं मिली और जिन्होंने रिश्वत दी उन्हें किस्त मिल गई है. ऐसे में अब लोगों का गुस्सा भी फुट पड़ा है और किस तरह से इस योजना में घोटाला हो रहा है वो भी साफ नजर आ रहा है.दरअसल, झारखंड के रामगढ़ जिले के शहरी क्षेत्र से पीएम आवास योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ झाले की तस्वीर सामने आई हैं. शहरी क्षेत्र में 2015/16 के वित्तीय योजना में कुल 4048 पीएम आवास स्वीकृत मिली थी. जिनमें 400 लाभुकों को आजतक एक भी किस्त नहीं मिली है. आपको बता दें कि पीएम आवास योजना में लाभुकों को 2,25000 लाख रुपए चार किस्तों में मिलती है.बताया जा रहा है कि जिन लाभुकों ने पीएम आवास में रिश्वत नहीं दी उन्हें पहली किस्त भी नहीं मुहैया कराया गया है. रामगढ़ शहरी क्षेत्र में पीएम आवास योजना की गड़बड़ झाले की तस्वीर तब उजागर हुई. जब नगर परिषद के सीएलटीसी करण साहू और निवर्तमान वार्ड पार्षद चिंतामणि महतो एक महिला लाभुक से रिश्वत ले रहे थे. जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद जिले के डीसी चंदन कुमार ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए रामगढ़ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने अपने जांच उपरांत विभागीय कार्रवाई करते हुए सीएलटीसी करण साहू और वार्ड पार्षद चिंतामणि महतो पर विभागीय कार्रवाई करते हुए रामगढ़ थाने में दोनों पर मामला दर्ज करवा दिया है. जाहिर है ऐसे ही रिश्वत का खेल अगर चलता रहेगा तो सरकार की योजना “गरीबों का सपना घर हो अपना” कैसे साकार होगा और इस योजना का क्या हाल होगा वो भी सोचने वाली बात है.