नई दिल्ली- तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘भारत आम महोत्सव 2025’ एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया, जब सभी राजनीतिक दलों के सांसद चाहे वो सपा हो, कांग्रेस या बीजेपी एक मंच पर दिखाई दिए। आयोजन के सूत्रधार, कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी ने न केवल किसानों को राष्ट्रीय पहचान दी, बल्कि देश की राजनीतिक और सांस्कृतिक विविधता को भी एकजुट कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन पर सांसद रमेश अवस्थी को पत्र लिखकर बधाई दी और लिखा कि यह महोत्सव न केवल आम की विविध प्रजातियों को सामने लाने का माध्यम है, बल्कि यह किसानों की आय, कृषि नवाचार और विपणन की संभावनाओं को भी बढ़ावा देता है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पहल की सराहना की और इसे किसानों की आमदनी बढ़ाने में उपयोगी बताया। इस महोत्सव की शुरुआत उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दीप प्रज्वलन से की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की। मंच की भव्यता तब और बढ़ गई जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘मैंगो मैन ऑफ इंडिया’ पद्मश्री कलीमुल्लाह ख़ान को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह केवल फल नहीं, बल्कि भारत की कृषि संस्कृति का उत्सव है, और सांसद अवस्थी का योगदान अनुकरणीय है। भारत आम महोत्सव में 350 से अधिक आम की प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया दशहरी, अल्फांसो, केसर, चौसा, नीलम, सफेदा सहित विशेष आकर्षण रहा ‘मोदी आम’, जो अपने रंग, आकार और सुगंध से दर्शकों में लोकप्रिय रहा। 18 केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति ने इसे एक राष्ट्रीय आयोजन बना दिया। इनमें शामिल थे: बीएल वर्मा, रामदास आठवले, श्रीपद नाईक, गजेन्द्र सिंह शेखावत, भागीरथ चौधरी, एसपी सिंह बघेल, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, प्रतापराव जाधव, राजभूषण चौधरी, हर्ष मल्होत्रा, टोकन साहू, रवनीत सिंह बिट्टू, रामनाथ ठाकुर, अजय टम्टा, दुर्गा दास, निमुबेन पटेल। राजनीति के हर दल से सांसदों की मौजूदगी रही। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और प्रमोद तिवारी, सपा से नरेश उत्तम पटेल, प्रिया सरोज, पुष्पेंद्र सरोज, आप से संजय सिंह जैसे दिग्गज नेता उपस्थित रहे। इनके साथ भाजपा के रवि किशन, साक्षी महाराज, जगदंबिका पाल, अनुराग ठाकुर, मुख्तार अब्बास नकवी और कई अन्य शामिल हुए। इस आयोजन की सांस्कृतिक भव्यता में चार चांद लगाए कवि कुमार विश्वास, कविता तिवारी, अभिनेता अरबाज खान और गायक अंकित तिवारी ने। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैश्विक मंच प्रदान करना, आम की विविध प्रजातियों की जानकारी देना और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं हॉर्टिकल्चर के शोध से उन्हें जोड़ना रहा। 18 साल पहले कानपुर से शुरू हुआ यह आयोजन आज ग्लोबल पहचान बना चुका है। सांसद रमेश अवस्थी का कहना है कि “यह सिर्फ आम का उत्सव नहीं, बल्कि किसानों के सम्मान और समृद्धि का आंदोलन है।” यह आयोजन साबित करता है कि भारत में जब एक सांसद अपनी दूरदृष्टि और संकल्प के साथ खड़ा होता है, तो वह न केवल आम को खास बना सकता है, बल्कि राजनीति को भी सकारात्मक दिशा दे सकता है।