नई दिल्ली – भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णिम साल के रूप में दर्ज होगा साल 2024 क्योंकि, इसी साल 500 वर्षों के संघर्षपूर्ण सफर को तय करते हुए अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु रामलला के श्रीविग्रह की पुनः स्थापना होने जा रही है। यह बातें प्रमुख समाजोवी चरणजीव मल्होत्रा ने कहीं। श्री मल्होत्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती पर विकसित की जा रही अयोध्या नगरी में प्रभु रामलला की स्थापना देश के लिए हर्ष का विषय है। उन्होने कहा, नव्य-भव्य अयोध्या के उस त्रेतायुगीन वैभव के वापस लौटने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे अवधपुरी 500 से अधिक वर्षों से वंचित रह गई थी। साथ ही उल्लास-उमंग और तरंग को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा तमाम प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी कराए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिससे अयोध्या न केवल देश बल्कि दुनिया में भी चर्चाओं के केंद्र में रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम लोगों को यह शुभ अवसर देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
श्री मल्होत्रा ने देशवासियों से अवहान किया है कि 22 जनवरी को सभी अपने घरों पर दीपोत्सव मनाए क्योंकि पॉच सौ लंबे इंतेजार के बाद बड़ी दीपावली मनाने का सौभाग्य देशवासियों को प्राप्त हुआ है।