नई दिल्ली – राज्यसभा सांसद और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के फाउंडर, चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने की अपनी पहल के अंतर्गत केंद्र सरकार से पूछा कि भारत में बढ़ती महँगाई का असर किफायती आवास हाउसिंग सेक्टर पर कैसे पड़ रहा है। आज मानसून सत्र के दौरान डॉ. मित्तल ने एक प्रमुख प्रश्न के द्वारा आवासीय सेक्टर से संबंधित अहम विषय उठाया। उन्होंने अर्बन अफेयर्स मिनिस्टर से चार प्रश्नावली के अंतर्गत पूछा कि घरों की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं, ब्याज दरों में कटौती से किफायती आवास पर क्या असर पड़ा है, बिल्डर किफायती प्रोजेक्ट्स से क्यों पीछे हट रहे हैं और चौथा ज़मीन की लागत कम करने व पहली बार घर खरीदने वालों की मदद के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।इसके उत्तर में यूनियन हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सरकार के पास घरों की कीमतों या किराए के ट्रेंड का कोई डेटा नहीं है। हालाँकि, देशभर में किफायती आवास एक गंभीर चिंता बनता जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 2018 से अब तक हाउसिंग प्राइस इंडेक्स हर साल औसतन 5.3% बढ़ा है, लेकिन टैक्स छूट और कम जीएसटी जैसी कई अहम् छूटें 2022 में ही खत्म हो गईं।किफायती आवास की अहमियत पर जोर देते हुए डॉ. मित्तल ने कहा, मध्यम वर्गीय और कम कमाई वाले परिवार के लिए अपना घर सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि समृद्धि और सम्मान का प्रतीक होता है। मानसून सत्र की शुरुआत से ही डॉ. मित्तल आम लोगों की दैनिक जीवन से जुड़े विषय लगातार उठा रहे हैं। उन्होंने सेक्शन 4 को लेकर भी चिंता जताई, जिसमें छोटे निर्यातकों पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर ध्यान दिलाया और उनकी भलाई के लिए सोच-समझकर बदलाव करने की माँग की। इससे पहले डॉ. मित्तल ने सड़क परिवहन मंत्रालय से हाईवे पर एंबुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को लेकर जानकारी माँगी थी। इसके अलावा, उन्होंने सत्र की शुरुआत में विमानन सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी और सरकार से सवाल पूछे थे।डॉ. मित्तल ने जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, सांसद होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम आम आदमी और कामकाजी परिवारों की आवाज़ बनें।