कोलकाता- तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटाए जाने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद पार्थ चटर्जी ने कहा कि उनके विरुद्ध साजिश की जा रही है। चटर्जी 69 को स्कूल भर्ती घोटाला के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। उन्हें आज चिकित्सीय परीक्षण के लिए शहर के दक्षिण में स्थित जोका क्षेत्र में ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के बाहर एक वाहन से उतरते समय उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें साजिश का शिकार बनाया जा रहा है। बाद में अस्पताल से निकलने के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि समय बताएगा कि तृणमूल कांग्रेस ने उनके विरुद्ध जो कार्वाई की वह उचित थी या नहीं। गिरफ्तारी से पहले चटर्जी के पास औद्योगिक और संसदीय मामलों का विभाग था। उनके शिक्षा मंत्री रहते कथित घोटाला हुआ था, जिसकी जांच के दौरान चटर्जी की करीबी सहायक अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करोड़ों रुपए की नकदी बरामद हुई। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार शाम को चिनार पार्क इलाके में स्थित मुखर्जी के तीसरे अपार्टमेंट पर छापेमारी की थी। मुखर्जी को एक अलग कार में जांच के लिए ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। ईडी सूत्रों के अनुसार, चटर्जी और मुखर्जी के अस्पताल से लौटने के बाद एजेंसी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में उनसे पूछताछ की गई। इस बीच, विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि चटर्जी को अपने साजिश वाले आरोप पर और खुलासे के साथ बात करनी चाहिए। र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि चटर्जी को साजिश में शामिल लोगों के नाम बताने चाहिए। चक्रवर्ती ने कहा, इस स्कूल भर्ती घोटाले के कारण बंगाल की छवि खराब हुई है। घोटाले की वजह से बहुत से लोगों का करियर बर्बाद हो गया। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पूर्व मंत्री अगर किसी साजिश का दावा कर रहे हैं तो उनको उन सभी के नाम का खुलासा करना चाहिए, जो इसमें शामिल हैं। घोष ने कहा, चटर्जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वह एक प्रभावशाली मंत्री और तृणमूल के वरिष्ठ नेता थे। उन्हें साजिश में शामिल लोगों के नाम बताने चाहिए। वहीं, तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति उनकी पार्टी का रुख शून्य सहिष्णुता वाला है। उन्होंने कहा कि जिस महिला के घर से नकदी बरामद हुई, उससे सत्तारूढ़ दल का कोई संबंध नहीं है।