कायस्थ समाज का इतिहास बहुत पुराना रहा है, बात चाहे किसी राज्य के निर्माण की हो, समाज या राष्ट्र के निर्माण की, कायस्थों ने हमेशा सतत भागीदारी निभाई है। देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक अफसरशाही में भी कायस्थ समाज का वर्चस्व रहा है। कायस्थ समाज बहुत ही शक्तिशाली होता है। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तालकटोरा स्टेडियम में रविवार को आयोजित ग्लोबल कायस्थ महासम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि खास बात यह कि इस कायस्थ महासम्मेलन में मुझ जैसे बनिया को चीफ गेस्ट बनाया है, इसके लिए ग्लोबल कायस्थ महासम्मेलन के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इतना भव्य आयोजन किया। इस मौके पर राजनेता और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि हमारा कायस्थ समुदाय, सर्वधर्म, सर्वजाति, सर्ववर्ग, सर्व समुदाय सम्भाव पर विश्वास रखता है। हम किसी जातिगत मामले से यहां नहीं बल्कि आत्मीयता की वजह से यहां आए हैं। यह एक पारिवारिक मंच है और यहां किसी की छवि धूमिल नहीं होगी, इसलिए निडर होकर बेखौफ इस मंच से जुडें़ और अपनी बात रखें चाहे सरकार किसी की भी हो, अपनी बात कहने से नहीं चूके। वहीं, ग्लोबल कायस्थ महासम्मेलन के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कायस्थ समाज अपने गौरवशाली इतिहास को तभी कायम रख सकता है जब सभी एकजुट होंगे। ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि देश और विदेश से हजारों की संख्या में कायस्थ समुदाय अपनी एकजुटता और ताकत का एहसास कराने पहुंचे हैं उन सबका तहेदिल से शुक्रिया। उन्होंने सुभाषचंद्र बोस से लेकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को भी इस मौके पर याद किया। कायस्थ समाज हर काल के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका का उदाहरण रहा है। कायस्थ समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली है, लेकिन, आज कायस्थ समाज कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए समाज को अपनी एकजुटता दिखाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।