केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति को तुरंत वापस ले,ताकि शराब के नशे में डूब रही दिल्ली को बर्बाद होने से बचाया जा सके। यह बात दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल इस नई आबकारी नीति के लिए जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाए ताकि दिल्ली को नशे की राजधानी बनने से बचाया जा सके। आदेश गुप्ता ने अरविंद केरजीवाल की नीतियों और नियती में फर्क को उजागर करते हुए कहा कि राजनीति मे आने से पहले केजरीवाल भ्रष्टाचार और शराब के खिलाफ बहुत बड़ी-बड़ी बातें करते थे। यहां तक कि उनकी पार्टी का भ्रष्टाचार और शराब मुक्त वातवरण बनाने का संकल्प था,लेकिन आज वही केजरीवाल सत्ता की कुर्सी पर आते ही सब कुछ भूलकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं। केजरीवाल महात्मा गांधी की तस्वीर लगाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ की बात करते थे, आज वहीं केजरीवाल शराब के सौदागर बन चुके हैं। पूरी दिल्ली को शराब के नशे में धकेलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केरजीवाल खुद एक सरकारी कर्मचारी रह चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद यह जानते हुए कि संविधान में भी यह बात कही गई है कि कोई भी प्रदेश सरकार शराब के लिए प्रचार नहीं करेगी,लेकिन स्वार्थ सिद्धी के लिए केजरीवाल संविधान को भी नहीं माने हैं। विधानसभा में सरप्लस बजट की बार-बार दुहाई देने वाले केजरीवाल बताएं कि उनके सरप्लस बजट का क्या हुआ,जो पूरी दिल्ली को शराब पिलाने में लगे हुए हैं। गुप्ता ने केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि सत्ता के नशे में चूर केजरीवाल ने 7 साल पहले अपनी खुद की लिखी पुस्तक स्वराज में कहा था कि एक शराब की दुकान खोलने के लिए नेताओं और अफसरों को घूस दी जाती है इसलिए क्या आज केजरीवाल बताएंगे कि उन्होंने 850 शराब की दुकानें खोलने के लिए कितने करोड़ रुपये लिए हैं। उनकी पार्टी और उनके नेताओं ने कितने रुपये का बंदरबांट किया है।