भोपाल- मध्यप्रदेश के उभरते उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 मई को राज्य सरकार की नई स्टार्टअप नीति और कार्यान्वयन योजना2022 की वीडियो कॉन्फ्रेंस से शुरुआत करेंगे। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इस नीति में स्टार्टअप उद्यमों के लिए कार्यस्थल के किराए, कर्मचारियों के वेतन तथा उत्पादों के पेटेंट को लेकर अनुदान और सरकारी खरीद में आरक्षण तक का प्रावधान किया गया है। राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी. नरहरि ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, कोई स्टार्टअप उद्यम अगर किराए की जगह पर चल रहा है, तो उसे नई स्टार्टअप नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा किराए की मद में हर माह 5,000 रुपए की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, हर स्टार्टअप को अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए 5,000-5,000 रुपए का मासिक वेतन भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप उद्यमों को उनके कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए भी अलग से भत्ता दिया जाएगा। नरहरि ने बताया कि स्टार्टअप उद्यमों को उनके उत्पादों के पेटेंट के लिए भी राज्य सरकार की ओर से पांच लाख रुपए तक की वित्तीय मदद दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नई नीति के तहत स्टार्टअप उद्यमों को तमाम वित्तीय मदद अनुदान के रूप में की जाएगी और उन्हें बाद में इसे राज्य सरकार को लौटाने की जरूरत नहीं होगी।नरहरि ने बताया, कानूनी प्रावधानों के मुताबिक हम केंद्र सरकार के मान्यताप्राप्त प्रत्एक स्टार्टअप को अधिकतम 15-15 लाख रुपए का अनुदान कुल चार बार दे सकते हैं। अगर उद्यमी कोई महिला है, तो हम ऐसे हरेक स्टार्टअप को अधिकतम 18-18 लाख रुपए का अनुदान कुल चार बार दे सकते हैं। मध्य प्रदेश के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी संबद्ध पक्षों से राय-मशविरा करते हुए केवल तीन महीने के भीतर नई स्टार्टअप नीति बनाई है और उद्यमियों द्वारा इसका लाभ लेने की प्रक्रिया एक पोर्टल के जरिए पूरी तरह ऑनलाइन संपन्न की जाएगी।उन्होंने बताया कि मान्यताप्राप्त स्टार्टअप को सरकारी खरीद में आरक्षण का लाभ भी दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल राज्य में केंद्र सरकार के मान्यताप्राप्त।,937 स्टार्टअप हैं जिनमें से 45 प्रतिशत उद्यम महिलाएं चला रही हैं।