नई दिल्ली – भारत के सबसे बड़े कंज्‍यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड सैमसंग अपनी प्रमुख सीएसआर पहल ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ के जरिए युवा स्‍टूडेंट्स को भविष्य के टेक उद्यमी और सामाजिक बदलाव लाने वाले बनने में मदद कर रहा है। दिल्ली एनसीआर और हरियाणा के स्कूलों-कॉलेजों में जनरेशन ज़ी के युवाओं के बीच इस पहल के लिए रजिस्ट्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। भारत भर के स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित इंटरैक्टिव डिज़ाइन थिंकिंग वर्कशॉप और ओपन हाउस सत्रों के माध्यम से, सैमसंग कक्षा में होने वाली पढ़ाई को व्यावहारिक समस्या-समाधान दृष्टिकोण से प्रभावी ढंग से जोड़ रहा है। स्‍टूडेंट्स समाधान की अवधारणा से आगे बढ़कर प्रोटोटाइप बना रहे हैं, विशेषज्ञों के सामने अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं, और उद्यमिता की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। नई दिल्ली, गुरुग्राम और सोनीपत जैसे शहरों में पहले से ही रोडशो शुरू हो चुके हैं, इस पहल ने शैक्षणिक संस्थानों से हजारों स्‍टूडेंट्स को सफलतापूर्वक जोड़ा है, और इसकी योजना पूर्वोत्तर राज्यों सहित अन्य राज्यों में विस्तार करने की है। स्‍टूडेंट्स नए-नए, समुदाय-केंद्रित आइडियाज लेकर आ रहे हैं जो स्वास्थ्य, शिक्षा, सस्‍टेनेबिलिटी और सामाजिक समानता जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वास्तविक समस्याओं का समाधान करते हैं। कई प्रतिभागियों के लिए, ये सत्र समस्या-समाधान पद्धतियों, मेंटरशिप और उद्यमशीलता मानसिकता विकास के साथ उनका पहला संरचित अनुभव प्रदान करते हैं। इस वर्ष, प्रतिभागियों को चार प्रमुख थीम्स के तहत समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है: सुरक्षित, स्मार्ट और समावेशी भारत के लिए एआई; भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण का भविष्य; खेल और शिक्षा व बेहतर भविष्य के लिए तकनीक के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन; और तकनीक के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता। आवेदन जमा होने के बाद, 100 टीमों- प्रत्येक थीम के लिए 25 टीमें- को विषय विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन मेंटरिंग के लिए चुना जाएगा। इसके बाद ये टीमें वीडियो पिच राउंड में प्रवेश करेंगी, जिसमें से शीर्ष 40 टीमें चुनी जाएंगी। हजारों स्‍टूडेंट्स की बढ़ती भागीदारी और छोटे शहरों में इसके तेजी से विस्तार के साथ, सॉल्व फॉर टुमॉरो एक राष्ट्रीय मंच के रूप में विकसित हो रहा है। यह जमीनी स्तर पर नवाचार और युवा-प्रेरित बदलाव को बढ़ावा देता है। आवेदन की समय सीमा 30 जून, 2025 तक भारत भर के स्कूल और कॉलेज स्‍टूडेंट्स के लिए खुली है।