मुंबई- बंबई उच्च न्यायालय ने शहर के नगर निकाय प्रमुख को निर्देश दिया है कि वह दक्षिण मुंबई में तटरेखा से दो समुद्री मील की दूरी पर प्रस्तावित तैरते होटल फ्लोटल के निर्माण की अनुमति देने पर आठ सप्ताह के भीतर अंतिम निर्णय लें।न्यायमूर्ति सुनील शुकरे और न्यायमूर्ति एम डब्ल्यू चांदवानी की खंडपीठ ने 23 जनवरी के अपने फैसले में तीन सदस्ईय समिति द्वारा मई 2017 में दिए गए फैसले को रद्द कर दिया। समिति ने परियोजना के लिए यह देखते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया गया था कि यह मरीन ड्राइव प्रोमेनेड घूमने-फिरने की जगह का हिस्सा है।अदालत समिति के फैसले को चुनौती देने वाली रश्मि डेवलपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया तैरता हुआ होटल और उससे संबंधित ढांचा मरीन ड्राइव का हिस्सा नहीं है।उच्च न्यायालय ने कहा, मामला प्रतिवादी संख्या। नगर निकाय को इस निर्देश के साथ वापस भेजा गया है कि मुंबई नगर निगम के आयुक्त पहले यह फैसला करें कि क्या उनके पास इस मामले में विशिष्ट अधिकार क्षेत्र है। पीठ ने कहा कि यदि आयुक्त पाते हैं कि उनके पास अधिकार क्षेत्र है, तो वह कानून के अनुसार आवश्यक अनुमति प्रदान करने के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करेंगे। पीठ ने कहा कि आवश्यक हो तो आयुक्त संबंधित अधिकारियों से जरूरी अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांग सकते हैं।अदालत ने कहा कि यदि आयुक्त के पास कोई विशेष क्षेत्राधिकार नहीं है, तो वह याचिकाकर्ता के आवेदन को तीन सदस्ईय समिति को एक बार फिर उचित विचार और उचित सिफारिश के लिए भेजेंगे।पीठ ने नगर निकाय के प्रमुख को आठ हफ्ते के अंदर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया।