नई दिल्ली- दिल्ली सरकार ने राजनीतिक द्वेष के कारण बिना तथ्यों की जांच करे राजन बाबू अस्पताल को खाली करने एवं सील करने का आदेश जारी किया जो निंदनीय है। यह बात उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कही। महापौर ने कहा कि राजन बाबू अस्पताल एक 700 बैड का चेस्ट रोगों खासकर टीबी के इलाज का विशेषज्ञ अस्पताल है।
कोविड काल में जब दिल्ली सरकार आक्सीजन बैड उपलब्ध कराने में विफल हो रही थी उस वक्त राजन बाबू अस्पताल ने 100 आक्सीजन बैड उपलब्ध कराए और आज दिल्ली सरकार उसे बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन के द्वारा राजन बाबू अस्पताल को किसी शिकायत के आधार पर खाली करके सील करने का आदेश उनके राजनीतिक पूर्वाग्रह को दर्शाता है।
सामान्यता शिकायत मिलने पर मंत्री को राजन बाबू अस्पताल प्रशासन या उत्तरी नगर निगम से रिपोर्ट मांगनी चाहिए थी पर उन्होने सभी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को ताक पर रख कर सीधे अस्पताल को सील करने की बात की है। महापौर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम एक्ट 2012 के अंतर्गत केवल नगर निगमों के पास किसी बिल्डिंग का सर्वे कर उसे खतरनाक घोषित करने का अधिकार है और इस मामले उत्तरी नगर निगम पहले ही खतरनाक हिस्से को घोषित कर उचित कार्रवाई कर चुका है।
स्थाई समिति अध्यक्ष जोगी राम जैन ने कहा कि राजन बाबू अस्पताल एक बड़ा अस्पताल है जिसके एक कक्ष का कवर छज्जा उपयोग योग्य नही रहा है जबकि 10 वार्ड है जो पूरी तरह उपयोगी हैं। नगर निगम ने छज्जे को खतरनाक घोषित किया और अक्टूबर 2021 में ही आईआईटी रूडक़ी से इसका निरीक्षण करवा विशेषज्ञ रिपोर्ट मांगी है जो शीघ्र आ जाएगी।