बुलंदशहर- उत्तर प्रदेश विधानसभा की बुलंदशहर सदर सीट से कांग्रेस का टिकट हासिल करने में नाकाम रही पार्टी की कार्यकर्ता निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान अपनी निराशा छिपा नहीं पाई और फूट-फूटकर रोने लगी। गीता रानी मिश्रा ने अपनी शिकायत मीडिया के सामने बयां की और कहा कि उनके पिता 30 साल तक पार्टी के साथ जुड़े रहे और उन्होंने अपना सबकुछ पार्टी को न्यौछावर कर दिया। शर्मा ने कहा कि वह अनूपशहर में हुई प्रियंका गांधी वाद्रा की रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं के लेकर गई थीं, लेकिन उनके काम को स्वीकार नहीं किया गया।
शर्मा ने कहा कि पार्टी को इस बात का सर्वे कराकर टिकट देने चाहिए थे किसने क्या काम किया। उन्होंने सिकंदराबाद की एक और पार्टी कार्यकर्ता का जिक्र करते हुए कहा पार्टी के लिए लगन के साथ काम करने के बावजूद उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का निर्णय लेने वाली शर्मा ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं चाहतीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस के नारे की ओर इशारा करते हुए कहा, मैं दीदी को दिखाना चाहती हूं कि मैं लडक़ी हूं, लड़ सकती हूं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहले घोषणा की थी कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं के दिए जाएंगे। पार्टी ने कुल 41 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है, जिसमें 16 महिलाओं के नाम हैं। पहली सूची में 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया गया था।