लखनऊ- समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक और वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परिवार की बहू को इसके लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं। भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में अपर्णा यादव ने भाजपा का दामन थामा। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, अपर्णा जी का भाजपा परिवार में स्वागत हैं।

मुख्यमंत्री ने अपर्णा के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी एक तस्वीर भी ट्वीट की यादव ने इस अवसर पर कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों से हमेशा से प्रभावित रही हैं और अब वह भाजपा की सदस्यता लेकर राष्ट्र की आराधना करने निकल पड़ी हैं।उन्होंने कहा, मैं हमेशा से प्रधानमंत्री जी से प्रभावित रही हूं। मेरे चिंतन में हमेशा राष्ट्र सबसे पहले है। राष्ट्र धर्म मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। मैं बस, यही बोलना चाहती हूं कि अब मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। उन्होंने कहा कि वह अपनी क्षमता के अनुरूप जो भी कर सकती हैं, भाजपा के लिए करेंगी।

उप-मुख्यमंत्री मौर्य ने अपर्णा यादव का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि वह हमेशा से ही भाजपा की विचारधारा की समर्थक रही हैं और समय-समय पर विभिन्न माध्यमों से उन्होंने यह जाहिर भी किया है। उप-मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह अपने परिवार में ही असफल रहे हैं। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव अपने परिवार में ही सफल नहीं हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी असफल रहे हैं। सांसद के रूप में भी असफल हैं।  अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लडऩे की अटकलों के मद्देनजर मौर्य ने चुटकी लेते कहा कि वह सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से तथा उनके सिराथू से लडऩे की घोषणा की जा चुकी है लेकिन अभी तक अखिलेश अपनी सीट का फैसला नहीं कर सके हैं।मौर्य ने कहा अखिलेश यादव अक्सर दावा करते रहते हैं कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बहुत विकास कार्य किए हैं। ऐसा ही है तो वह क्यों नहीं उस क्षेत्र से चुनाव लड़ लेते हैं जिन्हें वह विकसित करने का दावा करते हैं। लेकिन आश्चर्य यह हो रहा है कि वह अपने लिए एक सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।ऐसी चर्चा है कि अखिलेश आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं। अखिलेश ने भी लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में इस बात के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वह कोई भी फैसला आजमगढ़ की जनता से पूछ कर करेंगे। ज्ञात हो कि अखिलेश आजमगढ़ से सांसद हैं।

स्वतंत्र देव सिंह ने भी भाजपा परिवार में अपर्णा यादव का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी का कद और सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सपा के शासन में गुंडागर्दी को इतना महत्व दिया जाता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शाम होते ही लोग अपने घरों के दरवाजे बंद कर देते थे।उन्होंने कहा, यदि पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती थी तो मियां जान का फोन आ जाता था। यानी सपा के शासन में अखिलेश यादव की नहीं चलती थी, केवल आजम खान की चलती थी। तब आतंक का माहौल था।  अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने को हाल में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान सहित अन्य नेताओं के भाजपा छोडक़र समाजवादी पार्टी में शामिल होने के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।हालांकि अखिलेश यादव ने अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल होने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं।

लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा सबसे पहले मैं बधाई और शुभकामनाएं दूंगा। साथ ही साथ खुशी इस बात की है कि हमारी समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि हमारी विचारधारा वहां पहुंच कर संविधान और लोकतंत्र को बचाने का काम करेगी। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या उनको (अपर्णा को) रोकने की कोशिश नहीं की गई, इसके जवाब में अखिलेश ने कहा, नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की। उल्लेखनीय है कि अपर्णा यादव 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी के पुत्र हैं। अपर्णा यादव ने कुछ समाचार चैनलों से बातचीत में विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जताई लेकिन यह पूछे जाने पर कि वह कहां से चुनाव लडऩा पसंद करेंगी, उन्होंने कहा, इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लेगा।