नई दिल्ली- भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत काम करने वाली सरकारी संस्था इंडियन मेडिसिन्स फॉर्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को दिल्ली स्थित आयुष भवन में अपने लाभांश से करीब 1.65 करोड़ रुपए अपने हितधारक-आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को सौंपे। दवाओं की आयुष प्रणाली को दुनिया भर में मान्यता दी जा रही भारत सरकार की कंपनी आईएमपीसीएल आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का निर्माण करती है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी संस्थान ने कोरोना से संबंधित दवाओं का निर्माण किया था, जिसकी देशभर में रिकॉर्ड खरीदारी हुई थी। ऐसे में आईएमपीसीएल ने अपने वर्ष 2020-2021 के लाभांश का कुछ हिस्सा आयुष मंत्रालय को देने का फैसला किया था। कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ. मुकेश की ओर से लाभांश की धनराशि 1,62,64,182 रुपए कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को सौंपी गई। इसके बाद यह राशि कैबिनेट मंत्री द्वारा राष्ट्रकोष में ट्रांसफर की गई। मालूम हो कि आईएमपीसीएल एक मिनी रत्न कंपनी है। कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दवाओं की आयुष प्रणाली को दुनिया भर में मान्यता दी जा रही है और बाजार का आकार भी बढ़ रहा है। आईएमपीसीएल भारत सरकार के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। वहीं उत्तराखंड सरकार के अधीन काम करने वाले सरकारी उपक्रम केएमवीएनएल के जरिए उत्तराखंड सरकार को 3,13,315 रुपए का लाभांश दिया गया। डॉ. मुकेश ने बताया कि कैबिनेट मंत्री को कुल 1,65,77,497 रुपए दिए गए। आईएमपीसीएल में भारत की 98.11 प्रतिशत और सरकार की हिस्सेदारी है। उत्तराखंड में 1.89 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। सर्टिफिकेशन लाइन कंपनी वर्तमान में विभिन्न रोगों के स्पेक्ट्रम के लिये 656 शास्त्रीय आयुर्वेदिक, 332 यूनानी और 71 मालिकाना आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण कर रही है। हाल ही में आईएमपीसीएल को 18 आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए डीसीजी (आई) द्वारा डल्ब्यूएचओपीएमपी/सीओपीपी प्रमाणन प्रदान किया गया है, जिससे निर्यात कारोबार का पता लगाने का अवसर मिला है।