नई दिल्ली, 09 फरवरी, 2022केजरीवाल सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आज दिल्ली जल बोर्ड में कार्यरत 700 संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया। देश में यह पहली बार हुआ है, जब एक साथ इतने संविदा कर्मचारियों को सरकारी नौकरी मिली है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कर्मचारियों को पक्का होने का सर्टिफिकेट देते हुए कहा कि दिल्ली राज्य बनने के बाद इतने बड़े स्तर पर कच्चे कर्मचारियों को कभी पक्का नहीं किया गया। अब पूरे देश में यह मांग उठेगी कि जब दिल्ली में हो सकता है, तो उनके यहां क्यों नहीं हो सकता? मेरी मंशा है कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों के कच्चे कर्मचारी पक्के होने चाहिए, लेकिन हमारे पास पावर बहुत कम है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में यह माहौल बनाया गया कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर दो, तो वे काम नहीं करते हैं। यह सबसे बड़ा झूठ है, जो फैलाया जाता है। पक्का होने के बाद यह कर्मचारी सुरक्षित हो गए हैं। इसलिए अब ये पहले से दोगुना काम करेंगे। साथ ही, यह मिथ भी टूटेगा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर दो, तो वे काम नहीं करते हैं।दिल्ली जल बोर्ड में संविदा पर कार्यरत उन 700 कर्मचारियों के लिए आज एक ऐतिहासिक पल था, जिन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा नियमित करने का प्रमाण पत्र सौंपा। सीएम अरविंद केजरीवाल के हाथों नियमित होने का सर्टिफिकेट पाकर जहां इन कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे, वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक साथ 700 कर्मचारियों को नियमित करके देश में एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित कर दिया। सर्टिफिकेट वितरण समारोह को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और अब हमारी सरकार के करीब सात साल हो गए हैं। इन सात वर्षों में हमने ढेर सारे काम किए। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत कई क्षेत्रों के अंदर हमने काम किए और उन सभी कामों की पूरे देश में भी आज चर्चा हो रही है और दुनिया में भी चर्चा हो रही है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया है कि जब से दिल्ली सरकार बनी है, तब से लेकर आज तक इतने बड़े स्तर पर कच्चे कर्मचारियों को पक्का कभी नहीं किया गया है। यह दिल्ली सरकार के अंदर पहली बार हो रहा है। शायद देश के अंदर भी पहली बार हो रहा है। अभी आजकल सब उल्टा किया जा रहा है कि पक्के कर्मचारियों को कम करते जाओ और कच्चे कर्मचारियों को बढ़ाते जाओ। जब हमारी सरकार बनी थी, तो उस समय सरकारी स्कूलों की बहुत बुरी हालत हुआ करती थी। पूरे देश में यह माहौल था कि सरकारी स्कूल अब बंद करो। सरकारी स्कूलों का निजीकरण करो और प्राइवेट कंपनियों व कॉरपोरेट्स को दे दो, वो चलाएंगे। सरकारी स्कूल नहीं चला सकती है। इसी तरह, सरकारी अस्पतालों को भी प्राइवेट वालों को दे दो। सरकार अस्पताल नहीं चला सकती है। हमने आकर यह साबित कर दिया कि सरकार अगर चाहे और सरकार अगर ईमानदार हो तो सरकार स्कूल भी चला सकती है और अस्पताल भी चला सकती है। जो सरकार स्कूल और अस्पताल नहीं चला पाए, तो फिर उस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। फिर वो सरकार रहने लायक नहीं है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश के अंदर एक माहौल यह भी बनाया गया था कि कर्मचारियों को अगर पक्का कर दो, तो वो काम नहीं करते हैं। फिर वो आलसी हो जाते हैं। वो काम से मन चुराते हैं। दिल्ली में हमने स्कूल अच्छे किए। दिल्ली के अंदर शिक्षा क्रांति आई। शिक्षा के क्षेत्र में हमने जो भी किए, वो हमने नहीं किए, वो तो इन सरकारी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने ही किया। ये तो सारे सरकारी हैं और इन्होंने ही कमाल करके दिखा दिया। सरकारी अस्पतालों में हमने काम किया। अब हमारे सरकारी अस्पताल बहुत शानदार हो गए हैं। अस्पतालों को शानदार तो सरकारी डॉक्टरों ओर नर्सों ने ही किया। इसलिए यह कहना कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते हैं, मैं समझता हूं कि यह सबसे बड़ा झूठ है, जो फैलाया जाता है। अगर हम सरकारी कर्मचारियों की समस्याओं को अच्छे से दूर करेंगे, उनके साथ मिल कर काम करेंगे, तो सरकारी कर्मचारी जितना काम करते हैं, मेरे को नहीं लगता है कि प्राइवेट सेक्टर में कोई करता होगा। मैं प्राइवेट सेक्टर में भी काम किया है और सरकार में भी काम किया है। कोरोना के समय मैं देखता था कि सरकारी कर्मचारी 24 घंटे काम में लगे रहते थे। मैं तो प्राइवेट सेक्टर में ऐसे काम करते हुए किसी को नहीं देखा है। हमें यह मिथ भी तोड़ना है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज 700 कर्मचारी कच्चे से पक्के हो रहे हैं। मैं पूरी दुनिया के सामने यह कह रहा हूं कि यह 700 कर्मचारी जब तक कच्चे थे, उस समय जितना काम करते थे, अब पक्के होने के बाद पहले से दोगुना ज्यादा काम करेंगे। अब इनके अंदर एक सुरक्षा का भाव आ गया है और अब ये खुश हैं। इसलिए अब सभी दिल से काम करेंगे। अभी तक इनके मन में यह रहता था कि आगे मेरा क्या होगा? अब ये पक्के हो गए हैं, तो कही और नौकरी की तलाश नहीं करेंगे और अब यहीं पर मन लगाकर काम करेंगे। इन कर्मचारियों को पक्का होने पर मैं बहुत खुश हूं। मेरी मंशा है कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों के अंदर जितने भी कच्चे कर्मचारी हैं, सबको पक्का होने चाहिए। लेकिन आप लोग जानते हैं कि दिल्ली सरकार के पास पावर बहुत कम है। हमारे पास अभी बहुत सी पावर नहीं है। केंद्र सरकार के पास दिल्ली की बहुत सारी पावर है। आप लोगों को पक्का इसलिए कर पाए, क्योकि दिल्ली जल बोर्ड एक स्वायत्त संस्था है। यहां पर बोर्ड सारे निर्णय लेता है। केंद्र सरकार की इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं होती है। लेकिन बाकी को भी नियमित करने की हमारी कोशिश रहेगी। जहां भी जरूरत पड़ेगी, हम केंद्र सरकार से बात करेंगे।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज एक तरह से बड़ा काम शुरू हुआ है कि दिल्ली सरकार न केवल जनता का ख्याल रखती है, बल्कि अपने कर्मचारियों का भी ख्याल रखती है। जलबोर्ड से आज बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है और इसकी गूंज पूरे देश के अंदर अब जाएगी और अब पूरे देश के अंदर मांग उठेगी कि दिल्ली के अंदर हो सकते हैं, तो दूसरे राज्यों में क्यों नहीं हो सकते? अब दूसरे राज्य के कच्चे कर्मचारी भी कहेंगे और दूसरी सरकारों को भी करना पड़ेगा। साथ ही यह मिथ भी तोड़ना पड़ेगा कि कच्चे कर्मचारी को पक्के कर दो, तो वे काम नहीं करते हैं। इसलिए आप लोग काम करके दिखाना और उन लोगों के मुंह बंद कर देना, जो यह बात कहते हैं कि कच्चे कर्मचारी पक्के होने के बाद काम नहीं करते हैं। मैं आप सभी को बहुत बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आपके परिवार के सभी लोग भी खुश होंगे।दिल्ली जल बोर्ड ने जिन 700 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है, उसमें दैनिक वेतन भोगी और करूणा मूलक आधार पर नियुक्त किए गए कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी नियमित कर्मचारियों को अब से चिकित्सा सुविधाएं, सरकारी आवास, छुट्टी के लाभ और ग्रैच्युटी, एनपीएस और एलटीसी (यात्रा सुविधा) जैसी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। साथ ही, इन्हें 2019 से एरियर्स मिल सकेगा। सभी का वेतन लगभग दोगुना हो जाएगा। सभी को डीए की सुविधा मिलेगा। वार्षिक वेतन वृद्धि, बच्चों की शिक्षा भत्ता, पितृत्व अवकाश, मातृत्व अवकाश आदि सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।