नई दिल्ली- नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए मुख्य गोल चक्करों और अन्य प्रमुख स्थानों पर चरणबद्ध तरीके से विषय आधारित कलाकृतियों को स्थापित करेगी। यह जानकारी पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने दी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि परिकल्पना पर भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर पूरी की जा रही है । यह कार्य एनडीएमसी द्वारा साहित्य कला परिषद के सहयोग से एक स्कल्पचर कैंप का आयोजन करके पूरा किया जायेगा । जहां 12 प्रसिद्ध मूर्तिकलाकार 12 काले संगमरमर से मूर्तियां तैयार करेंगे, जिन्हे बाद में नई दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इन कलाकृतियों के बारे में जानकारी देते हुए उपाध्याय ने बताया कि ये 12 कलाकृतियां 6 से 8 फीट के आकार में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाई जाएंगी। उपाध्याय ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि मूर्तिकला को प्रतिनिधित्वात्मक कला के रूप में विशेष महत्व दिया जाता है, जिसके माध्यम से हम जीवन में विभिन्न रूपों, अक्सर मानव आकृतियों, लेकिन निर्जीव वस्तुओं को भी प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये कलाकार, 75 वर्षों के प्रगतिशील भारत और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए अपने भारतीय समकक्षों की घनिष्ठ बातचीत के साथ भारतीय संस्कृति, विरासत और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर अपनी कलाकृतियों को मूर्त रूप देंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नई दिल्ली क्षेत्र के शहरी भूनिर्माण में कलात्मक रूप का संवद्र्धन करना है और उसमें सौन्दर्यकारक बदलाव लाना है। उपाध्याय ने कहा कि साहित्य कला परिषद न केवल इस मूर्तिकला शिविर के लिए मूर्तिकला के कलाकारों की व्यवस्था करेगी बल्कि पत्थर और औजारों की खरीद, क्यूरेटर, समन्वयकों आदि को भुगतान जैसे कार्यों की भी व्यवस्था करेगी। एनडीएमसी आयोजन स्थल, आयोजन स्थल पर क्रेन सुविधा,निर्धारित स्थल पर मूर्तियां लगाने,डीयूएसीए एनजीटी आदि जैसे प्राधिकरणों के अधिकारियों से अनुमति की व्यवस्था करेगा। उपाध्याय ने कहा कि कारीगरों के लिए यह अच्छा मौका है कि वे प्रतिदिन नई दिल्ली क्षेत्र में आने वाले हजारों देशी और विदेशी आगंतुकों के प्रति अपनी प्राकृतिक और मौलिक प्रतिभा का प्रदर्शन इसके माध्यम से कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीएमसी की इस तरह की पहलों का उद्देश्य एक विशेष परियोजना के तहत राजधानी के लिए स्थाई सार्वजनिक कलाकृतियों को उपलब्ध कराकर शहर को उसकी पहचान और संस्कृति प्रदान करना भी है।