नई दिल्ली- भारत की सबसे बड़ी पोस्ट-हार्वेस्ट लॉजिस्टिक्स और एग्री-सॉल्यूशन कंपनी सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट ने एक व्यापक कोलेटरल मैनेजमेंट सॉल्यूशन प्रदान करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की है। इस साझेदारी से एसएलसीएम के साथ काम करने वाले किसानों और कृषि-बिरादरी को देश भर में मौजूद बैंक ऑफ बड़ौदा के विशाल नेटवर्क से अपनी फसलों के बदले ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी।इस साझेदारी के माध्यम से, एसएलसीएम प्रतिस्पर्धी दरों पर फसल के बाद ऋण की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगा, साथ ही सुरक्षित भंडारण और जोखिम प्रबंधन समाधान भी प्रदान करेगा। अपने पेटेंटेड और इंडस्ट्री-प्रमाणित टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म, एग्री रीच का फायदा उठाते हुए, एसएलसीएम का उद्देश्य कोलेटरल प्रबंधन प्रक्रिया को सरल बनाना और देश भर के किसानों, कृषि व्यवसायों और इससे जुड़े हितधारकों को फाइनेंस तक आसान पहुंच दिलाना है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ संदीप सभरवाल ने कहा, वित्त वर्ष 24 हमारे कोलेटरल मैनेजमेंट कारोबार के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष रहा है, जिसमें प्रमुख बैंकों के साथ चार महत्वपूर्ण साझेदारियों से बल मिला है। इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हमारा हाल में किया गया गठजोड़ भी शामिल है। 15 सालों से ज्यादा की अवधि से बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति को बनाए रखते हुए, हमारा मकसद हमेशा यह सुनिश्चित करना रहा है कि हर किसान को पारंपरिक और डिजिटल एग्री इकोसिस्टम में विकास करने का अवसर मिले। अपने फिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और खेती के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर, हम अपने बैंकिंग भागीदारों और किसानों को कुशल और सुरक्षित ऋण प्रदान करने, डिफ़ॉल्ट जोखिम को कम करने और पूरे कृषि सिस्टम के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच की सुविधा दे रहे हैं।वर्तमान में, कंपनी की भारत और म्यांमार में 20 से अधिक अग्रणी वित्तीय संस्थाओं के साथ व्यापक साझेदारियां हैं, जिससे एसएलसीएम के बैंकिंग पोर्टफोलियो और बाजार पहुंच का और विस्तार हो रहा है।एसएलसीएम के सीबीओ सलमान उल्लाह खान ने कहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हमारी नई साझेदारी फसल कटाई के बाद मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म के लिए हमारे खास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण में उनके विश्वास का प्रमाण है।एसएलसीएम का नेटवर्क 19 राज्यों में फैला हुआ है। 31 अक्टूबर 2024 तक कंपनी के पास 17,000 से अधिक गोदाम और 36 कोल्ड स्टोरेज थे जो 1,080 से अधिक वस्तुओं से जुड़ी सेवाएं प्रदान करते हैं। एसएलसीएम फसल कटाई के बाद के समाधानों को डिजिटल बनाने में सबसे आगे रहा है, इसकी एग्री रीच तकनीक ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 10% से घटाकर सिर्फ 0.5% कर दिया है। यह खास प्लेटफ़ॉर्म कमोडिटी की गुणवत्ता, मात्रा और भंडारण की सटीक ट्रैकिंग और प्रबंधन को आसान बनाता है, जिससे बैंकों के लिए कोलेटरल वैल्यू का आकलन करना और वित्तपोषण बढ़ाना आसान हो जाता है।एसएलसीएम वास्तविक समय में फसलों की गुणवत्ता और मात्रा को पूरी तरह से मैनेज करने के लिए अपने पेटेंटेड और इंडस्ट्री-प्रमाणित एग्री रीच प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगी।अब 20 से अधिक अग्रणी बैंकों के साथ मिलकर एसएलसीएम का लक्ष्य किसानों के लिए ऋण की सुविधा आसान बनाना है। एसएलसीएम का एयूएम पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष के पहले वर्ष में 73% बढ़कर 11,952 करोड़ रुपये हो गया है। इन साझेदारियों ने भी इस ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई