ओमिक्रॉन से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सभी विभागों के साथ बैठक कर इससे जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने बताया कि ओमिक्रॉन से निपटने के लिए अस्पताल, बेड, दवाइयों और ऑक्सीजन का पुख्ता इंतजाम है और होम आइसोलेशन को हम और मजबूत कर रहे हैं। हमने टेस्ट क्षमता को बढ़ा दी है, अब जरूरत पडऩे पर हम तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन कर पाएंगे। हम प्रतिदिन एक लाख केस को आधार मानकर अपनी तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। अभी हमारे पास एक दिन में 1100 घरों का दौरा की क्षमता है, जिसे बढ़ाकर एक लाख किया जा रहा है। पिछली बार ऑक्सीजन के परिवहन में दिक्कत आई थी। इसे देखते हुए 15 टैंकर्स ले रहे हैं, जो अगले तीन हफ्ते में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीरो सर्वे में 95 फीसद लोगों में एंटीबॉडीज मिली है और 70 फीसद लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, तो संभव है कि ओमिक्रॉन का प्रकोप ज्यादा न हो। फिर भी अगर ओमिक्रॉन फैलता है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ओमिक्रॉन को लेकर सरकार की तरफ से की जा रही तैयारियों का विस्तृत ब्यौरा लिया। साथ ही, कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। वहीं, मुख्यमंत्री ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेस कर समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर सब लोग काफी चिंतित हैं। क्योंकि पूरी दुनिया से जो खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार, यह बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। ओमिक्रॉन की मोटे-मोटे तौर पर दो विशेषताएं हैं। पहला, यह बहुत तेजी से फैलता है। दूसरा, इसके लक्षण काफी हल्के हैं। इसमें बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने पड़ते हैं और मौतें भी काफी कम होती है। इसी को मद्देनजर रखते हुए हमने अपनी सारी तैयारियं की है।
ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हों, तो अस्पताल न भागें लोग: सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ओमिक्रॉन तेजी से फैलता है, तो हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत होनी चाहिए। इसे देखते हुए हमने प्रतिदिन तीन लाख टेस्ट करने की अपनी क्षमता बनाई है। अगर जरूरत पड़ेगी, तो दिल्ली में तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन हो सकेंगे। अभी दिल्ली में 60 से 70 हजार टेस्ट प्रतिदिन करते हैं, लेकिन अगर तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की जरूरत पड़ी, तो हम कर सकते हैं। दूसरा यह कि अप्रैल के महीने में जो कोरोना की लहर आई थी, उसमें एक दिन में अधिकतम 26 से 27 हजार केस आए थे। इस बार हमने एक लाख केस प्रतिदिन मानकर अपनी तैयारियां की है। अगर दिल्ली में एक लाख केस प्रतिदिन आते हैं, तो उसके हिसाब से हमने तैयारी की है। चूंकि ओमिक्रॉन बहुत ज्यादा माइल्ड है, तो हम जनता से यह बार-बार अपील करेंगे कि आप अपने घर पर रहिए। आप अस्पताल में न भागिएगा, जब तक कि आपके लक्षण ज्यादा न होते हैं। अगर लक्षण हल्के हैं तो हम कोशिश करेंगे कि आपके घर पर ही आपका अच्छा इलाज हो। हमारी मेडिकल टीम करेगी तत्काल संपर्क: केजरीवाल सीएम ने कहा कि हम अपने होम आइसोलेशन प्रणाली को बहुत ही मजबूत बना रहे हैं। इसके तहत, जैसे ही टेस्ट के नतीजे आएंगे और यह पता चलेगा कि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है, तो उसे तुरंत हमारे यहां से फोन किया जाएगा और उसको कहा जाएगा कि आपसे सरकार अब लगातार संपर्क में रहेगी। अगले दिन सरकार की तरफ से एक मेडिकल टीम उसके घर जाएगी। उसको एक किट देकर आएगी, जिसमें उसकी दवाइयां, जरूरत दिशा-निर्देश और ऑक्सीमीटर आदि होगा। इसके बाद डॉक्टर फोन पर उसकी 10 दिनों तक प्रतिदिन टेली काउंसलिंग करेंगे या जब तक वो ठीक नहीं हो जाते हैं। होम आइसोलेशन के लिए जो भी एजेंसी हायर करने की जरूरत है, एक-दो दिन के अंदर हम सारी एजेंसी को हायर कर लेंगे। इसके लिए आज की बैठक में मैने आदेश दे दिए हैं। इस तरह हम होम आइसोलेशन को काफी मजबूत करने जा रहे हैं। होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत कर रही सरकार कोरोना की बीती लहरों के दौरान मरीजों की अच्छी देखभाल करने में होम आइसोलेशन प्रणाली काफी मददगार साबित हुई थी। इसलिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर होम आइसोलेशन प्रणाली को और मजबूत किया जा रहा है। जिससे कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही अच्छे से इलाज दिया जा सके। इसके लिए सरकार ने एक मजबूत सिस्टम बनाया हुआ है। मेडिकल टीम को निर्देश दिए गए हैं कि पता चलते ही वे होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के घर जाएं और आवश्यक सावधानियों आदि के बारे में बताएं। इस दौरान टीम मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति आदि का आंकलन करेगी और ऑक्सीमीटर सहित होम आइसोलेशन किट देगी। इसके बाद, टेली कॉलर टीमें सुबह-शाम कॉल कर स्वास्थ्य की जानकारी लेती रहेंगी। अगर मरीज की तबीयत गंभीर होती है, तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। दिल्ली में अब तक लग चुकी हैं वैक्सीन की 2.51 करोड़ डोज दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए पात्र 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या करीब 1.80 करोड़ है। दिल्ली सरकार अभी तक राजधानी में वैक्सीन की 2.51 करोड़ डोज लगा चुकी है। दिल्ली में अभी तक 1.475 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक डोज दी गई है। इसका मतलब दिल्ली में 99 फीसद लोगों ने वैक्सीन की एक डोल लगवा ली है। इसी तरह, 1.035 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। अर्थात दिल्ली में करीब 70 फीसद लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। सरकार के पास प्रतिदिन तीन लाख डोज प्रतिदिन लगाने की क्षमता है। इस तरह, वैक्सीनेशन के मामले में अन्य मेट्रो शहरों के मुकाबले दिल्ली सबसे आगे है।
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