यहां जानें कांग्रेस की ओर से जारी पूरी खबरः-

श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दो महत्वपूर्ण विषय लेकर हम आपके बीच में आए हैं और दोनों ही विषय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। सबसे पहले विषय की चर्चा करेंगे आदरणीय गहलोत साहब और आदरणीय शक्ति सिंह गोहिल जी। हमारे बीच में कौन हैं आप सब जानते हैं, हमारे मार्गदर्शक रहे हैं। मैं उसमें बगैर किसी दखलअंदाजी के गहलोत साहब से अनुरोध करुंगा और उसके बाद किस प्रकार से केन्द्रीय जांच ब्यूरो डायरेक्टर को हटाने का मिनट बाय मिनट षडयंत्र किया गया। उस षडयंत्र के नायक प्रधानमंत्री से लेकर कौन कौन थे, उस षडयंत्र का खेल कैसे खेला गया मिनट बाय मिनट और सीवीसी से लेकर, प्रधानमंत्री से लेकर, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर सेक्रेटरी पर्सनल से लेकर वो कैसे कैसे हुआ, उसका खुलासा इसके बाद हम करेंगे। पहले मैं आदरणीय गहलोत साहब से अनुरोध करुंगा कि वो अपनी बात पहले शुरु करेंगे।

श्री अशोक गहलोत ने कहा कि जैसा अभी आपको रणदीप भाई ने कहा तारिक अनवर साहब जो एनसीपी के जनरल सेक्रेटरी रहे हैं, उन्होंने आज श्री राहुल गांधी जी से मुलाकात की और कांग्रेस ज्वाइन करने का फैसला किया। मैं अपनी ओर से, एआईसीसी की ओर से उनका हार्दिक स्वागत करता हूँ। आप सब जानते हैं कि जो हालात देश में बनते जा रहे हैं, अभी तो शुरुआत हो रही है, और मानवेंद्र सिंह जी आए उसके बाद में तारिक अनवर साहब आए हैं और मैंने उस दिन भी कहा था आपको कि हालात बहुत गंभीर हैं देश के अंदर। लोकतंत्र को चुनौती सामने दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के चार जजेज को कहना पड़ा ऐसी नौबत इतिहास में कभी नहीं आई। हालात बद से बदतर हो रहे हैं और जैसा अभी आपको मालूम है कि राहुल जी एक साल से राफेल का मुद्दा उठा रहे थे। उसके बाद में घटनाचक्र क्या घूमा है कि सीबीआई जो सबसे क्रेडिबल एजेंसी है देश की उसके डायरेक्टर को हटाने का फैसला रात को एक बजे कैबिनेट सब कमेटी को अपॉइंटमेंट करना पड़े देश में ये देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग आकर सत्ता में बैठ गए जिनका कि लोकतंत्र में यकीन नहीं है। झूठे वायदे किए, बड़ी-बड़ी बातें की चुनाव के पहले और तमाम तरह से वो वायदे, चाहे काले धन के हों, चाहे दो करोड़ रोजगार देने की बात हो, किसान को उपज का डबल मूल्य देने की बात हो पूरी तरह प्रधानमंत्री खुद एक्सपोज हो गए और सिर्फ दो लोग राज कर रहे हैं देश के अंदर, मोदी जी और अमित शाह जी, बाकि तो कुनबा चल रहा है सभी उनका।

मैंने कहा, कि अगर आप 2014 के प्रधानमंत्री के भाषण सुन लेंगे और 4 साल क्या बोले क्या वायदा किए, आप देख लेंगे। अगर कैंपेन में वो बातें सामने आएंगी जो शुरु-शुरु में आ भी रही हैं। कांग्रेस को कैंपेन करने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी जनता खुद समझ जाएगी की ये क्या बोले थे और आज क्या हो रहा है।

इन हालातों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी देश की, जिसका, त्याग का, कुर्बानी का लंबा इतिहास है आजादी के पहले का भी, आजादी के बाद का भी। ये कोई कम बात नहीं कि श्रीमती इंदिरा गांधी जी प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए शहीद हो गईं। श्री राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने वाले थे, बम से उड़ा दिए गए। उस देश के अंदर ये लोग आकर बात करते हैं कि 70 साल में क्या किया कांग्रेस ने? जिन्होंने आजादी की जंग में अपनी एक उंगली भी नहीं कटाई, वो लोग बात करते हैं कि अब महात्मा गांधी को, सरदार पटेल को ले रहे हैं। तो आज इनकी स्थिति ये है कि ये फासिस्ट लोग हैं, ऐसे मौके पर ये भी आह्वान करना चाहूँगा पूरे देश के तमाम हमारे लोगों को, उन लोगों को भी जो पार्टी छोड़कर कोई कारणवश चले गए हों, कई बार राजनीति में, लोकतंत्र में नाराजगी हो जाती है, कई कारण हो जाते हैं। पर मैं चाहूँगा कि जो देश के हालात हैं उसमें तमाम वो लोग जो कांग्रेस में रहे सालों, चले गए थे उनको पुनः वापस कांग्रेस में आना चाहिए। ये मैं उनसे अपील भी करना चाहूँगा इस मौके पर।

ये हमारे लिए मुबारक मौका है कि तारिक अनवर साहब हमारे पुराने मित्र भी हैं। 1998 में पार्लियामेंट में एक साथ एंटर हुए थे और आज वापस हमारा मिलन हो रहा है मुझे तो इस बात की खुशी है। यही बात कहकर मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ।

श्री शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि आदरणीय गहलोत साहब, आदरणीय रणदीप भाई। हमारे साथ आज कांग्रेस परिवार में जो जुड़े हैं तारिक भाई, बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता और फॉर्मर स्पीकर, सदानंद बाबू, बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, मदन मोहन झा जी, हमारे कैंपेन कमेटी के चेयरमैन, अखिलेश सिंह जी, बिहार में मेरे साथी दोनों सेक्रेटरी, राजेश लिलोठिया जी और विरेन्द्र राठौर जी।

जैसा कि गहलोत साहब ने बताया, तारिक अनवर जी के कांग्रेस में प्रवेश से बिहार में महागठबंधन को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी। बिहार में एक अच्छे नेता के तौर पर लंबा करियर उनका रहा है। कटिहार से सांसद, यूथ कांग्रेस में हमने साथ काम किया है। ऑर्गेनाइजेशन में बहुत अच्छा तजुर्बा है इनका। जनरल सेक्रेटरी एआईसीसी रहे तो बिहार कांग्रेस के सभी साथियों का ये मानना था कि तारिक भाई हमारे साथ आते हैं तो हमारे महागठबंधन को और कांग्रेस पार्टी को एक बहुत बड़ा मजबूती का नेता मिलेगा और मुझे खुशी है कि श्री राहुल गांधी जी को आज सुबह हम सब मिले। तारिक भाई को कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद कांग्रेस का ट्राई कलर पहना कर उनको कांग्रेस में प्रवेश दिया है।

एनडीए में जो डिजास्टर होने वाला है उसमें और लोग भी आएंगे वक्त-वक्त पर आपको बताएंगे, कौन जुड़ रहे हैं? हमारा महागठबंधन अटूट है और साथ मिलकर बिहार में बहुत अच्छे नतीजे 2019 लोक सभा चुनाव में आएंगे। मोदी जी एक ऐसे सुल्तान हैं कि उस सुल्तान की सल्तनत जब खतरे में आती है तो मोदी जी किसी भी हद तक का कुछ भी काम कर लेते हैं ये यही अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी थी, जो कहते थे कि बड़ा भाई तो भाजपा है छोटा भाई बनकर जेडीयू को रहना है तो हमारे साथ रहे। पर क्योंकि देश में भाजपा इतनी कमजोर होती जा रही है और अगर राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ इन राज्यों के पाँच राज्यों के चुनाव के नतीजे आ जाते तो और हालत खराब होती, इसलिए अब बराबरी का सौदा कर लिया क्योंकि सुल्तान को अपनी सल्तनत खतरे में दिख रही है, इसलिए अभी किया है, वो खुदगर्जी का सौदा है, मुझे इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना है।

मैंने आपको इसी मंच से कहा था कि Moral and Modi travels in a different direction, rather opposite direction. उनके मंत्री अकबर का तब तक रेजिग्नेशन नहीं लिया गया, जब तक मीटू मूवमेंट में 20 पत्रकार, सीनियर मोस्ट वीमेन जर्नलिस्ट और एक बड़े अखबार जो थी कि सीनियर एडीटर मुंबई की उसने लीड ली और 20 महिला रेप्यूटेड, रेप्रेजेंटेटिव ऑफ द मीडिया उन्होंने मुहिम छेड़ी तो सुल्तान ने अकबर का वध किया क्योंकि सल्तनत खतरे में थी तो ऐसे काम होते हैं। यहाँ हमारा प्यार से जो नाता है उसमें और साथी भी बिहार में आएंगे। बिहार की जनता का भी धन्यवाद करता हूँ कि एक बहुत अच्छी तरह से जन समर्थन कांग्रेस पार्टी को बिहार में मिल रहा है। 28 साल हो जाएंगे हमने गांधी मैदान में जनसभा नहीं की थी। सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिहार की जनता के समर्थन के आधार पर तय किया है, राहुल गांधी जी आएंगे और पटना के गांधी मैदान में हम एक बहुत बड़ी रैली भी करेंगे, 3 फरवरी को ये टेंटिटिव डेट अभी तय हुआ है। हम गांधी मैदान में रैली करेंगे, फिर से मैं तारिक भाई का कांग्रेस परिवार में स्वागत करता हूँ।

श्री तारिक अनवर ने कहा कि अभी अशोक जी ने और शक्ति सिंह जी ने जो बातें कहीं मैं अपनी ओर से उसमें इतना ही जोड़ना चाहता हूँ कि आज जो देश की परिस्थिति है, जिस नाजुक दौर से हम सब गुजर रहे हैं उसमें आवश्यक हो गया है कि कांग्रेस को मजबूत किया जाए, क्योकि अगर कोई विकल्प बन सकता है तो वो कांग्रेस पार्टी बन सकती है। मैं श्री राहुल गांधी का बहुत आभारी हूँ और समस्त कांग्रेस परिवार का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे दोबारा कांग्रेस में स्थान दिया है, जगह दी है।

हम ये मानकर चलते हैं कि और भी लोग जैसा अभी अशोक जी ने कहा कि हम अपील करेंगे उन तमाम कांग्रेस जनों से जो किसी न किसी कारणवश कांग्रेस से अलग हो गए, जुदा हो गए अब समय आ गया है कि हम अपने तमाम बातों को भूलकर फिर से एक बार कांग्रेस को मजबूत करने का काम करें। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जी के हाथों को मजबूत करने का काम करें ताकि देश के अंदर जो साम्प्रदायिक शक्तियाँ है जो इस देश के सदभाव, भाईचारे की, आपसी मेल-जोल जो नुकसान पहुँचा रहे हैं, हमारी गंगा-जमुना तहजीब को नुकसान पहुँचा रहे हैं उनका हम मजबूती से सामना कर सकें। तो मैं ज्यादा नहीं बोलते हुए इस मौके पर इतना ही कहूँगा, हमारे बीच में यहाँ सुरजेवाला जी है, सदानंद बाबू हैं, हमारे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा जी है, अखिलेश जी हमारे साथी सांसद और सभी हमारे राष्ट्रीय सचिव हैं, मैं और आप सब का मैं आभारी हूँ कि आज हमको एक बार फिर ये अवसर मिला है कि हम कांग्रेस की सेवा करें और कांग्रेस को मजबूत करने का काम करें क्योंकि कांग्रेस विचारधारा जो कि हम लोगों की शुरु से from very beginning जब से हमने राजनीति शुरु की जैसा अशोक जी ने कहा कि हम लोग 1980 में पहली बार जीतकर आए थे तो तब से लगातार कांग्रेस विचारधारा को मानते हुए हम आगे बढ़े हैं और आगे भी उस काम को हम लोग करेंगे और हमारी यही कोशिश होगी कि अगर हम इस मौके पर अगर कांग्रेस की कुछ सेवा कर सकें, देश की कुछ सेवा कर सकें चूँकि एक लंबा समय हमने राजनीति में गुजारा है, अब समय आ गया है कि हम अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर देश और कांग्रेस की सेवा करें। इन्ही शब्दों के साथ जो हमारे पत्रकार बंधु आए हैं उनको धन्यवाद देता हूँ और सहयोग के लिए आपसे आशा करता हूँ।

श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार और मोदी सरकार के साथ उनके प्रधानमंत्री कार्यालय डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल और केन्द्रीय विजिलेंस कमीशन, उनके द्वारा सीबीआई डॉयरेक्टर को हटाने के रात के अँधेरे के षड़यंत्र का, उसकी परतें अब खुल गई हैं। उस आपराधिक कार्य का, जिसमें पार्टनर हैं प्रधानमंत्री कार्यालय, पर्सनल डिपार्टमेंट, सीवीसी, उसकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। किस प्रकार से 23 अक्टूबर, 2018 की रात को संविधान और कानून को रोंदने की साजिश प्रधानमंत्री कार्यालय में रची गई और उस पूरे षड़यंत्र की कहानी के एक्टर कौन थे, उसमें खुद प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, पर्सनल डिपार्टमेंट और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ये चारों दुर्भाग्य से शामिल थे, अब तिथियाँ और समय ये बताते हैं और बगैर किसी देरी के और ये क्य़ों किया गया, इसके पीछे एक ही कारण था कि 24 अक्टूबर, 2018 की सुबह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं यशवंत सिन्हा जी, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की दर्खास्त पर जो कागजात, साक्ष्य और शिकायत सीबीआई डॉयरेक्टर आलोक वर्मा की मेज पर उपलब्ध थे, उनके आधार पर राफेल भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज होने वाली थी और इससे बचने के लिए रात के अंधेरे में जैसे चोर षडयंत्र करते हैं, इसी प्रकार से मोदी सरकार द्वारा एक चोर की तरह षडयंत्र किया गया और वो षडयंत्र कर रातों रात आनन-फानन में एमरजेंसी की स्थिति में सीबीआई के डॉयरेक्टर को हटा दिय़ा। इस बारे में कुछ तथ्य जो अब सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध हैं, उसकी चर्चा मैं आपसे करुंगा।

पहली बात, सीवीसी के प्रमुख केवी चौधरी साहब को 23 सितंबर की रात को एक ऑफिशियल टूर पर डेनमार्क जाना था जिसकी स्वीकृति बाकायदा प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली हुई थी। परंतु यकायक चीफ विजिलेंस कमिश्नर केवी चौधरी साहब ने डेनमार्क की यात्रा को, जो 23 अक्टबर, रात को होनी थी, वो कैंसिल कर दी, क्यों, आज तक कोई जवाब नहीं आया।

दूसरी बात, रात को 11 बजे जब कोई सीवीसी का आदेश भी नहीं आया था, सीबीआई के ज्वाइंट डॉयरेक्टर एम नागेश्वर राव को सीबीआई के कार्यालय में भेज दिया जाता है। इस एंटिसिपेशन में, इस उम्मीद में कि सीबीआई के डॉयरेक्टर को हटाने का आदेश सीवीसी के द्वारा पारित किया जाना है, ऐसा क्यों? वो कौन व्यक्ति है जो आदेश जारी होने से पहले ही बता रहा था कि नागेश्वर राव जी आप रात 11 बजे चले जाईए सीबीआई हेडक्वार्टर में क्योंकि शाय़द आदेश आने वाला है और आपके ही हक में आने वाला है, ये कैसे पता?

तीसरी बात, साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली पुलिस कमीश्नर अपने सबोर्डिनेट को अलर्ट करते हैं कि एक रात को ऑपरेशन होना है, ना जगह बताते, ना काम बताते और कहते हैं कि Rondevu Point यानि मीटिंग प्वाइंट, खान मार्केट, नई दिल्ली होगा। 12 बजे दिल्ली पुलिस कमीश्नर को मिले निर्देश के मुताबिक अपने अधिकारियों को कहते हैं कि शायद देश के इतिहास में पहली बार दिल्ली पुलिस सीबीआई के हेडक्वार्टर को टेकऑवर करेगी और फिर वो सब फिर यानी दिल्ली पुलिस सीबीआई के हेडक्वार्टर पहुंच जाती है। साढ़े 12 बजे, जब दिल्ली पुलिस सीबीआई डेडक्वार्टर का कब्जा लेने जाती है तो वहाँ पर तो सीआईएसएफ तो पहले से ही तैनात है क्योंकि सब जानते हैं कि इस प्रकार की सब ऐजेंसियों में सुरक्षा बंदोबस्त का इंतजाम उनके पास है, केन्द्रीय ऐजेंसिज के पास। जब वो दिल्ली पुलिस को सीबीआई हेडक्वार्टर एंटर करने से रोकते हैं, तो पुलिस कमीश्नर सीआईएसएफ प्रमुख से बात करते हैं और सीआईएसएफ प्रमुख को ऊपर से फोन आता है और दिल्ली पुलिस उस हेडक्वार्टर को टेक ऑवर कर लेती है। इतनी देर में हमने देखा कि रात को 8 बजे से साढ़े 12 बजे रात तक सीवीसी अपना दौरा कैंसिल कर अपने दोनों साथियों के साथ एक आदेश रातों रात आनन-फानन में सीबीआई डॉयरेक्टर को हटाने का सेक्शन 8 (1) सीवीसी एक्ट मे लिख रहे थे। साढ़े चार घंटे में 8 से साढ़े 12 बजे के बीच में सीवीसी वो आदेश जारी कर देते हैं, जिसकी प्रतिलिपि आपके पास भी है, मेरे पास भी है। जिससे सीबीआई डॉयरेक्टर इज डॉयवस्टिड़ ऑफ हिज ड्यूटी। साढ़े 12 बजे सीवीसी का वो ऑर्डर नोर्थ ब्लॉक जाता है, सेक्रेटरी पर्सनल के पास। पर वो दफ्तर तो 5 बजे बंद हो जाता है। पर सेक्रेटरी पर्सनल जिनका नाम है सी. चन्द्रमोली, वो रात के 1 बजे, साढ़े 12 और 1 बजे अपने कार्यालय में इंतजार कर रहे हैं कि सीवीसी का ऑर्डर आने वाला है। जैसे ही वो ऑर्डर नोर्थ ब्लॉक में आता है, सी चन्द्रमोली सेक्रेटरी पर्सनल के पास वो प्रधानमंत्री कार्यालय में जाते हैं, रात को 1 बजे और प्रधानमंत्री कार्यालय में फिर कैबिनेट कमेटी ऑन अपोयमेंट की बैठक होती है, उसके मुखिया कौन हैं, खुद माननीय नरेन्द्र मोदी जी और फिर रातों रात कैबिनेट कमेटी ऑन अपोयमेंट पुराने सीबीआई डॉयरेक्टर आलोक वर्मा को हटाने और नए सीबीआई डॉय़रेक्टर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति का आदेश जारी करती है, अगले 40-45 मिनट के अंदर। ढाई बजे रात को या सुबह, 24 सितंबर की सुबह या 23 सितंबर की रात को ढाई बजे ये बताया जा रहा है कि सीवीसी केवी चौधरी साहब ज्वाइंट डॉयरेक्टर जिनका नाम है लोकरंजन डीओपीटी के, वो दोनों सीबीआई कार्यालय जाते हैं और उसके बाद तीन लोग वहाँ से बाहर आते हैं। एक हैं एम नागेश्वर राव, एक हैं सीवीसी और तीसरे हैं लोकरंजन एडिशनल सेक्रेटरी, डीओपीटी और वो फाईल और रिकोर्ड रातों रात बाहर लेकर आते हैं और सुबह 7 बजे उन 12 अधिकारियों को जो भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं उनका तबादला हो जाता है और रात को ढाई बजे आलोक वर्मा को उनके आदेश सर्व किए जाते हैं, रात को उनके घर पर।

ये तथ्य एक ऐसे षडयंत्र की ओर इशारा करते हैं, जो इस देश के संविधान और कानून को पांव तले रोंदता है और सब संस्थाओं के अस्तित्व और स्वायत्तता को पूरी तरह से धूमिल और नष्ट करता है। सवाल बड़े सीधे हैं।

सीबीआई डॉयरेक्टर की नियुक्ति ट्रांसफर और रिमूवल सेक्शन 4(A) और 4(B) दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत एक कमेटी जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री, सीजीआई और एलओपी हैं, उनके द्वारा की जा सकती है। सेक्शन 8 जो है, सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट का, उसमें केवल और केवल सीवीसी को इतना ही अख्तियार है कि वो ऑफेंसेस जो प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के हैं, उनको वो सुपरीडेंडस कर सकते हैं, यानि भ्रष्टाचार का कोई मामला अगर संज्ञान में है, सीबीआई के तो वो उसके बारे में तहकीकात कर सकते हैं। इस पूरे सेक्शन में ये कहीं नहीं लिखा कि आप सीबीआई के डॉयरेक्टर को अपने पद से पदमुक्त कर सकते है या उसके अधिकारों या शक्तियों को छीन सकते हैं। इसमें ये एक शब्द भी नहीं। ये कानून है इस देश का। जो ऑर्डर पास करते है सीवीसी, उसमें वो पूरी तरह से इस कानून का दुरुपयोग कर और दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट की जानबूझ की अवहेलना करते हैं वो भी रात के अंधेरे में। क्या कारण था कि सीवीसी अपनी शक्तियोँ का दुरुपयोग कर देश के कानून और संविधान की अवहेलना कर रातों रात आनन-फानन में अपना विदेशी दौरा कैंसिल कर रात के साढे 12 बजे तक कार्यालय में बैठ कर सीबीआई डॉयरेक्टर को हटाने का गैर कानूनी आदेश पारित कर रहे थे। क्या ये सीधे-सीधे नहीं दिखाता कि सीवीसी अब कानून के रक्षक नही, मोदी सरकार के पीठ्ठू और पीछलग्गू बन गए हैं। मैं बहुत गंभीरता से ये बात कहता हूं।

दूसरी बात, ऐसी क्या जल्दी थी और किसने सीवीसी को ये हुक्म दिया कि वो डेनमार्क की यात्रा कैंसिल कर देते 23 अक्टूबर को रात को 8 या 9 बजे जाकर कार्यालय लगाएं और रात के साढ़े 12 बजे तक एक गैर कानूनी आदेश जारी करें, जिससे सीबीआई डॉयरेक्टर की शक्तियाँ छीन उसको पद से पदमुक्त कर दिया जाए। वो कौन सी ताकत है इस देश की जो सीवीसी को इस प्रकार के गैर कानूनी और गैर जिम्मेराना आदेश पारित करने के लिए बाध्य कर रही थी? इसकी जांच तो होनी ही पड़ेगी।

तीसरा, क्या सीवीसी 23 अक्टूबर की रात को सीबीआई के हेडक्वार्टर गए थे? और अगर गए थे, तो वहाँ जाने का निर्देश उनको किसने दिया था, या अख्तियार किसने दिया था, क्या वो खुद या उनके साथ वाला कोई व्यक्ति आलोक वर्मा के कार्यालय से रातों रात कोई कागज उठाकर लेकर आए थे? और अगर ऐसा है तो क्यों?

चौथा सवाल, एम नागेश्वर राव को 11 बजे ही सीबीआई हेडक्वार्टर जाने के लिए किसने कहा था? एम नागेश्वर राव को ये कैसे मालूम था कि साढ़े 12 बजे सीवीसी एक आदेश जारी करेगा जिससे आलोक वर्मा हटा दिए जाएंगे? एम नागेश्वर राव को ये कैसे मालूम था कि प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट अपोयमेंट कमेटी उसकी नियुक्ति करने वाले हैं? एम नागेश्वर राव सीबीआई कार्यालय गए ही किसके आदेश से थे? इसका जवाब तो मांगना ही पड़ेगा।

पांचवी बात, शाम 5 बजे भारत सरकार के कार्यालय और नोर्थ ब्लॉक तो हाई सिक्योरिटी जोन है, वो तो बंद हो जाता है, तो देश के सेक्रेटरी पर्सनल, जिनका नाम है, सी चन्द्रमोली, उनको किसने कहा था कि 1 बजे रात तक नोर्थ ब्लॉक के कार्यालय में बैठे रहें? क्या इसका मतलब उनको किसी ने बताया था कि सीवीसी रात को बैठक करेगा, उस बैठक में सीबीआई डॉयरेक्टर को हटाने का आदेश आएगा, वो आदेश लेकर आपको प्रधानमंत्री कार्यालय जाना है? ये षडयंत्र कौन कर रहा था, क्या ये पहले से ही फिक्सड मैच था और प्रधानमंत्री कार्यालय को किसने बताया कि सीवीसी रात को बैठक करेगा, वो आदेश साढ़े 12 बजे रात को आएगा, वो आदेश 1 बजे सी चन्द्रमोली सेक्रेटरी पर्सनल के पास जाएगा, सेक्रेटरी पर्सनल प्रधानमंत्री ऑफिस में जाएंगे, फिर रात के 2 बजे कैबिनेट कमेटी ऑन अपोयमेंट बुलाई जाएगी और फिर एक पुराने डॉयरेक्टर को हटा कर एक ज्वाइंट डॉयरेक्टर की निय़ुक्ति की जाएगी। ये कौन कर रहा था? केवल एक ही व्य़क्ति कर सकते हैं, जो सबसे ऊपर बैठे हैं। परमात्मा की बात नहीं कर रहा हूं, प्रधानमंत्री की बात कर रहा हूं, हालांकि वो समझते अपने आपको यही हैं।

अगला सवाल, दिल्ली पुलिस को सीबीआई के हेडक्वार्टर को टेक ऑवर करने का आदेश किसने दिया, जबकि सीबीआई का हेडक्वार्टर तो केन्द्रीय ऐजेंसियाँ कंट्रोल करती हैं, प्रोटेक्ट करती हैं। सीआईएसएफ के प्रमुख हों या दिल्ली पुलिस के प्रमुख हों, उनको ये आदेश कहाँ से आ रहा था कि जाकर आप सीबीआई के हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लें। ये पहली बार है कि सीबीआई तो दिल्ली पुलिस की जांच करती है, दिल्ली पुलिस सीबीआई को टेक ऑवर कर रही है, ये देश के इतिहास में पहली बार हुआ होगा?

आठवां सवाल, क्या रातों रात, आनन-फानन में, रात के अंधेरे में चोरों की तरह सीबीआई डॉयरेक्टर आलोक वर्मा के कार्यालय से सीबीआई हेड ऑफिस से कोई कागज उठाए गए, वो कौन से कागज थे, उनमें ऐसा क्या छुपा था कि प्रधानमंत्री से लेकर पूरी सरकार सकपकाहट में थी, घबराहट मे थी, बौखलाई थी कि उन्हें रातों रात आनन-फानन में कब्जा करो, नहीं तो सुबह होते तक प्रलय मच जाएगी।

आखिरी सवाल, इस सारे सोचे-समझे रात के अँधेरे में किए गए षडयंत्र के लिए कौन जिम्मेवार हैं? सुप्रीम कोर्ट के सम्मानित न्यायाधीशों ने अंतरिम आदेश में सीवीसी में नो कॉन्फिडेंस जारी कर ही दिया। क्योंकि अगर सीवीसी निष्पक्ष होता तो जांच पूरी करता, उनके ऊपर सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को लगाने की आवश्यकता ही क्या थी? इन सवालों का जवाब केवल एक ही व्यक्ति को देना पड़ेगा और वो हैं देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी। प्रधानमंत्री जी जनता अब षड़यंत्रकारी साजिश का जवाब मांगती है।