नई दिल्ली- स्वर्ग रंगमण्डल, ने कमानी प्रेक्षागृह में लोक नाट्य नौटंकी ‘बहुरूपिया’का मंचन सफलतापूर्वक किया। इसका निर्देशन प्रख्यात लोक-नाट्यविद् श्री अतुल यदुवंशी ने किया। उत्तर प्रदेश की नौटंकी लोकनाट्य विधा की जीवंत और रसवंत परंपरा को अपने में सहेजे ‘बहुरूपिया’ नौटंकी को देखने सुधि दर्शकगण, लोक कलाकार, साहित्यकार और सम्मानित गणमान्यों को भरपूर लुभाती रही। इस प्रस्तुति की कला जगत में पूर्व से ही खासी चर्चा रही है और राष्ट्रीय स्तर पर इसके निर्देशन के लिए श्री अतुल यदुवंशी को कई राज्यों में सम्मानित भी किया गया है। एक बार पुन: उनके निर्देशन में स्वर्ग रंगमण्डल के लोक कलाकारों ने अपने भावपूर्ण अभिनय और सांगीतिक प्रतिभा से प्रेक्षागृह में अतिथियों को नौटंकी की सशक्त शैली का कायल बना दिया। इस प्रस्तुति में मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रख्यात कला आलोचक डॉ0 ज्योतिष जोशी ने कहा कि प्रयाग की सांस्कृतिक भूमि से दशकों बाद अत्यंत सार-गर्भित एवं सार्थक नौटंकी देखने को मिली। भारतीय रंगमंच के स्वरूप की परिकल्पना इससे सुंदर और कुछ नहीं हो सकती। अतुल यदुवंशी के अथक प्रयासों से तैयार की गई नौटंकी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति हेतु सभी अव्यव सही मात्रा में उपस्थित हैं। उन्होंने बताया कि वह कोई नाट्य प्रस्तुति नहीं वरन् मंच पर जादू देख रहे थे। नौटंकी का जादू आज भी बरकरार है। बस ज़रूरत है उसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुतियों एवं प्रसार कीअतुल यदुवंशी निर्देशित ‘बहुरूपिया’ को लोक कथाओं पर अधारित कथानक का नौटंकी रूपांतरण राजकुमार श्रीवास्तव ने किया था। मुख्य पात्रों में सचिन केशरवानी, धीरज अग्रवाल, प्रिया मिश्रा, कविता यादव ने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों की सराहना बटोरी। नीरज अग्रवाल एवं संदीप शुक्ला ने सूत्रधार के तौर पर प्रभावित किया। पंचभूत के रूप में अनन्या मोहिले, एजाज़ खान, कृष्ण कुमार मौर्या, संदीप शुक्ला और देवेन्द्र राजभर थे। विडाल के रूप में आर्यन मोहिले और विचित्र के रूप में शिव प्रकाश ने प्रभावशाली अभिनय किया। प्रस्तुति में संगीत – हारमोनियम पर रोशन पाण्डेय, ढोलक- मोहम्मद साजिद, नक्कारा- नगीना और विशेष ध्वनि प्रभाव- दिलीप कुमार गुलशन का रहा। वस्त्र विन्यास-शिल्पी यदुवंशी एवं रूपसज्जा- मोहम्मद हामिद का रहा।