नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है। सोमवार को फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा) के नेतृत्व में डॉक्टर आईटीओ से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकाल रहे थे। इस दौरान उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया गया। बाद में डॉक्टर आईटीओ पर ही बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे। इसी दौरान पुलिस ने डॉक्टरों को हिरासत में लेकर वहां से हटाया। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उनके साथ पुलिस ने बदसलूकी की। उनपर लाठी चार्ज किया गया। इस घटना के बाद फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा कि देश के स्वास्थ्य सेवाओं के इतिहास में आज का दिन काला ?दिन के तौर पर दर्ज हो गया है। रेजिडेंट डॉक्टर जिन्हें कोरोना वॉरियर कहा जा रहा है। वह शांतिपूर्ण ढंग से नीट पीजी काउंसलिंग की मांग कर रहा था। लेकिन पुलिस के द्वारा डॉक्टरों को पीटा गया, उन्हें घसीटा गया, उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों से हड़ताल में जुडऩे की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि पुलिस ने जितने भी फोर्डा के सदस्य व रेजिडेंट डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
अस्पतालों में हालत होंगे और खराब
डॉक्टरों के हड़ताल के बाद मंगलवार से अस्पतालों में हालात और खराब होंगे। सोमवार को हड़ताल के कारण सैकड़ों की संख्या में सर्जरी रद्द करनी पड़ती। वहीं ओपीडी और इमरजेंसी में सेवाएं बाधित हुई। मंगलवार से उम्मीद है कि अन्य डॉक्टर भी इनके समर्थन में आकर प्रदर्शन में भाग लेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया सहित अन्य अस्पतालों में स्थिति और गंभीर होगी।