नई दिल्ली- कोरोना वायरस से बचाव के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन की बूस्टर डोज की टेस्टिंग जल्द ही दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होगी। इस टेस्टिंग के लिए भारत के दवा नियंत्रक ने भारत बायोटेक को मंजूरी दे दी है। इस इंट्रा नैजल वैक्सीन की डोज की मदद से कोरोना के खिलाफ जंग में मदद मिलेगी। नाक से दी जाने वाली इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण देश में नौ जगह किया जाएगा। इनमें दिल्ली के एम्स को भी परीक्षण के लिए चुना गया है। भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का निर्माण कर देश में इस महामारी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी अब बूस्टर खुराक के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बना रही है। इस वैक्सीन का परीक्षण ऐसे लोगों पर किया जाएगा जिन्होंने पहले कोवाक्सिन ले रखी है। भारत बायोटेक ने पहले घोषणा की थी कि उसके द्वारा निर्मित यह नैजल वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित, सहन करने योग्य है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंट्रानैजल वैक्सीन नाक व फेफड़ों में मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र का निर्माण करेगी। इससे वायरस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा में मदद मिलेगी। यह ट्रायल 900 लोगों पर होगा। वैक्सीन अभी ट्रायल स्टेज में है। तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजों के बाद कंपनी इसके इमरजेंसी यूज के एप्रूवल के लिए आवेदन देगी। पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी और फिर डीजीसीआई से मंजूरी के बाद ही वैक्सीन बाजार में आएगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भी इस वैक्सीन को बाजार में आने में कम से कम 6 महीने लग जाएंगे।