नई दिल्ली – भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक, उषा फाइनेंशियल्स महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कंपनी के कुल उधारकर्ताओं में से 80 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं, जो अपने छोटे व्यवसायों को मजबूत कर रही हैं और अपनी जीवन गुणवत्ता में सुधार कर रही हैं। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, उषा फाइनेंशियल्स ने अपनी स्थापना से अब तक लगभग 400 करोड़ के लोन वितरित किए हैं, जिससे देशभर में 90 हजार से अधिक महिला उद्यमियों को लाभ मिला है। ये एमएसएमई लोन महिलाओं को अपने व्यवसाय स्थापित करने और विस्तार करने में मदद कर रहे हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं और अपने परिवारों का जीवन स्तर सुधार रही हैं। इन एमएसएमई लोन के माध्यम से कई महिलाओं ने सिलाई केंद्र, ब्यूटी पार्लर, होम-फूड बिजनेस और खुदरा दुकानें जैसे सफल व्यवसाय खड़े किए हैं। ये सफलता की कहानियां इस बात का प्रमाण हैं कि सही वित्तीय सहायता से जीवन को बदला जा सकता है। अपनी प्रतिभा और कौशल का उपयोग कर, ये महिलाएं न केवल अपनी आजीविका चला रही हैं, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा कर रही हैं और अपने समुदायों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही हैं। उषा फाइनेंशियल्स की सीईओ गीता गोस्वामी ने इस उपलब्धि पर कहा, हमारा लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। हमारे एमएसएमई लोन हजारों महिला उद्यमियों के लिए गेम-चेंजर साबित हुए हैं, जिन्होंने अपने छोटे-छोटे सपनों को बड़ी सफलता में बदला है। हमें गर्व है कि हम उनके इस सफर में भागीदार बने हैं और भविष्य में भी उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराते रहेंगे। उषा फाइनेंशियल्स महिलाओं के लिए वित्तीय अंतर को खत्म करने के प्रति प्रतिबद्ध है, जिससे वे अपने व्यवसायों को बढ़ाने के लिए सही वित्तीय उपकरणों तक आसानी से पहुंच बना सकें। आसान और बिना किसी झंझट के एमएसएमई लोन उपलब्ध कराकर, यह कंपनी न केवल छोटे व्यवसायों को समर्थन दे रही है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को भी गति दे रही है।